नई दिल्ली: सरकार ने घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के कई प्रयास कर रही है. चाइनीज खिलौनों पर लगाम कसने के लिए सरकार टेस्टिंग स्टैंडर्ड और गाइडलाइंस लेकर आई थी. अब इसी तरह से के रूल्स ड्रोन को लेकर सरकार लाने वाली है. ताकि इस सेक्टर में डॉमेस्टिक कंपनियों को बढ़ावा मिल सके. वहीं दूसरी ओर सब स्टैंडर्ड ड्रोन के इंपोर्ट को कम किया जा सके. जानकारी के मुताबिक सरकार एक हफ्ते के अंदर नई गाइडलाइंस जारी कर सकती है. इस फैसले के बाद से चीन, कोरिया और ताइवान को बड़ा झटका लग सकता है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर इस मामले में किस तरह की खास बातें निकलकर आ रही हैं.
ड्रोन टेस्टिंग को लेकर खास बातें
2020 और 2021 में ऐसे हुआ था ड्रोन का यूज
जैसे कुछ ही सालों में सब-स्टैंडर्ज खिलानों पर सरकार ने लगाम लगाई है, वैसा ही कुछ ड्रोन को लेकर भी सरकार अपना मन बना चुकी है. भारत में पहली बार ड्रोन का इस्तेमाल कर साल 2020 और 2021 में कोरोना टीके और दवाओं को दुर्गम स्थानों तक पहुंचाया गया. इसमें सफलता के बाद सरकार ने चार और नए कामों के लिए ड्रोन ट्रेस्टिंग परीक्षण का फैसला लिया. कृषि में इस्तेमाल होने वाले ड्रोन के स्टैंडर्ड सरकार पहले ही तय कर चुकी है. अब सरकार प्राइवेट सेक्टर के लिए गाइडलाइंस को नोटिफाई करने की तैयारी कर रही है.
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