भोपाल। कांग्रेस में निकाय चुनाव लडऩे को कई दावेदार तैयार हैं, लेकिन पार्टी को मजबूत करने के लिए सदस्य बनाने में किसी की रूचि नहीं है। पार्टी ने 1 अक्टूबर से सदस्यता अभियान शुरू किया था, लेकिन उसमें अभी तक कुछ खास सदस्य नहीं बनाए जा सके हैं। अधिकांश कांग्रेसियों ने सदस्यता अभियान की डायरी ले जाकर घर रख ली है। ऐसे में सदस्यता अभियान पर ही सवाल खड़ा हो गया है। गौरतलब है कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने प्रदेश में 50 लाख नए सदस्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। ऐसे में कांग्रेस संगठन को मजबूत करने के लिए अब नए सदस्यों को ढूंढा जा रहा है। इसकी जवाबदारी मंडलम और सेक्टर के अध्यक्षों को दी गई है। इसके साथ ही जो कांग्रेसी निकाय चुनाव लडऩा चाहते हैं, उन्हें भी सदस्य बनाने का टारगेट दिया गया है। सदस्यता अभियान में गडबड़ी न हो इसके लिए उसी बूथ पर संबंधित को सदस्य बनाने के लिए कहा गया है जो उसी क्षेत्र का है।
चुनाव लडऩे के लिए सक्रिय सदस्यता जरूरी
कांग्रेस के ससदस्यता अभियान में दो तरह की सदस्यता दी जा रही है। आम सदस्यता में 5 रुपए की रसीद कटाई जा रही है। उसके बाद वह व्यक्ति कांग्रेसी हो जाएगा। वहीं जिन लोगों को निकाय चुनाव लडऩा है उन्हें सक्रिय सदस्य बनना जरूरी होगा। उसके लिए उन्हें 100 रुपाए की रसीद कटाना होगी। इसका फार्म अलग से भरवाया जा रहा है।
50 लाख नए सदस्य बनाने का लक्ष्य
1 अक्टूबर से प्रदेश में सदस्यता अभियान शुरू हो गया है। शुरूआत में तो कांग्रेसियों ने ख्ूाब उत्साह दिखाया, लेकिन बाद में ठंडे पड़ गए। प्रदेश में फरवरी के अंत तक कुल 50 लाख सदस्य बनाए जाना है। लेकिन पदाधिकारी और नेता घर से बाहर निकल ही नहीं रहे हैं। ऐसे में टारगेट पूरा नहीं हो पाएगा। ऐसे में कांग्रेसियों को अभियान चलाकर टारगेट पूरा करना होगा, नहीं तो यह सदस्यता बनाने का टारगेट अधूरा ही रह जाएगा। कई लोगों ने इस बार फर्जी तरीके से सदस्य बनाकर टारगेट पूरा करना चाहते थे, लेकिन संगठन ने शर्त रख दी है कि उसी बूथ में रहने वाले व्यक्ति को सदस्य बनाया जाएगा जो वहां रहता हो। इससे फर्जीवाड़े पर लगाम लगेगी।
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