नई दिल्ली: पाकिस्तान की शहबाज शरीफ की सरकार ने जनरल असीम मुनीर को सेना का नया चीफ बनाया है. यह वही असीम मुनीर हैं, जो भारत में हुए पुलवामा आतंकी हमले के वक्त आईएसआई के प्रमुख थे. अब इनके सेना प्रमुख की गद्दी संभालने के बाद पाकिस्तान से भारत के रिश्तों में और खटास बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि जनरल असीम मुनीर को सीमा पर भारत से चुनौती लेने से पहले अपने देश में चल रहे मसलों पर अधिक ध्यान देना होगा. उनके लिए भारत से भी अधिक चुनौती ये मसले ही हैं.
भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित लोगों का कहना है कि असीम मुनीर को उनके पहले के फैसलों को लेकर नहीं जांचना चाहिए. बल्कि भविष्य में पाकिस्तान-भारत सीमा से संबंधित मामलों और आतंकवादी संगठनों से निपटने के उनके भविष्य के कदमों को लेकर उन्हें जांचा जाना चाहिए. इसके साथ ही पाकिस्तान के कुछ ऐसे मसले भी हैं, जो नए सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के सामने चुनौती पेश करेंगे.
सेना प्रमुख के सामने ऐसी 5 चुनौतियां होंगी
- ये बात सामने आ चुकी है कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने जनरल असीम मुनीर को सेना प्रमुख बनाए जाने का विरोध किया था. इस समय इमरान खान पाकिस्तान में शहबाज शरीफ सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. वह चाहते हैं कि देश में जल्द से जल्द मध्यावधि चुनाव कराए जाएं. उन्होंने दावा भी किया है कि इन चुनावों में उन्हीं की जीत होगी. ऐसे में पाकिस्तान के अंदर सियासी हलचल काफी तेज हैं. ऐसे में सियासी स्तर से लेकर रक्षा के स्तर तक असीम मुनीर को ध्यान देना होगा.
- पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के सामने दूसरी बड़ी चुनौती अफगानिस्तान से लगती पाकिस्तान की सीमा पर चल रहे तालिबान से विवाद को कम करने की है. दरअसल तालिबान ब्रिटेन की ओर से खींची गई डूरंड रेखा का अनुपालन करने से इनकार करता रहा है. यह रेखा पश्तून समुदाय को विभाजित करने के लिए थी. इसे लेकर अब पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा पर रोजाना गोलीबारी होती है. तालिबान नहीं चाहता कि पाकिस्तान की सरकार उसे कोई सलाह दे या उसके फैसलों में टांग अड़ाए.
- पाकिस्तान में इन दिनों आतंकवाद चरम पर है. हमेशा से ही आतंकवाद का समर्थन करने वाला पाकिस्तान अब आंतरिक स्तर पर आतंकवाद से जूझ रहा है. सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह कि आखिर कैसे 40 से अधिक आतंकी संगठनों का काबू में रखा जाए. चीन जो बेल्ट रोड बना रहा है, उसका विरोध सिंध प्रांत और बलूचिस्तान प्रांत के आतंकी संगठन कर रहे हैं. ऐसे में मुनीर के सामने आतंकवाद को काबू करना बड़ी चुनौती है.
- मुनीर के सामने एक चुनौती पाकिस्तान सेना की विश्वसनीयता को फिर से बनाने की है. क्योंकि इमरान खान अपने ही देश की सेना की विश्वसनीयता पर सवाल उठा चुके हैं. हाल ही में मौजूदा सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा के वित्तीय दस्तावेज भी लीक हुए हैं. ऐसे में उनकी किरकिरी हो रही है. यह सेना की छवि खराब करने को लेकर इमरान खान की पार्टी पीटीआई के प्लान का हिस्सा हो सकता है.
- जनरल मुनीर के सामने एक चुनौती अमेरिका से पाकिस्तान के रिश्तों में सुधार के प्रयासों पर काम करना भी है. क्योंकि अमेरिका अफगानिस्तान से अपनी सेनाएं हटा चुका है. ऐसे में जब भी उसे आतंकियों के खिलाफ कोई अभियान चलाना होता है तो वो पाकिस्तान का इस्तेमाल करता है. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के कार्यकाल के समय पाकिस्तान के रिश्ते अमेरिका से थोड़े से बिगड़ चुके हैं.