- पार्टी का संसदीय बोर्ड तय करता है किसका टिकट करना है
इंदौर। एक बार फिर इंदौर में भाजपा के टिकट पर वर्तमान सांसद शंकर लालवानी चुनाव लड़ेंगे। उनके सामने कौन होगा इसका फैसला कांग्रेस को करना बाकी है। जिस तरह से लालवानी का टिकट कटने पर गाहे-बगाहे चल रही थी, उस पर उन्होंने खुलकर कहा कि एक बार भी ऐसा नहीं लगा कि मेरा टिकट कट गया है। वे अपने टिकट को लेकर शुरूू से ही आशान्वित थे और चुप भी। बातों ही बातों में उन्होंने बताया कि ऊपर से उन्हें किसी प्रकार की बयानबाजी नहीं करने के संकेत दिए थे।
इंदौर से तो किसी महिला को टिकट दिया जाना था?
ऐसा तो शुरू से रहा नहीं। ये सब बातें मीडिया तक सीमित थीं।
आपको क्या सिंधी कोटे में टिकट मिला है?
पार्टी का संसदीय बोर्ड तय करता है कि किसको टिकट दिया जाए और किसको नहीं। सिंधी समाज के कई लोग ऐसे हैं, जिन्हें पार्टी ने विधायक बनाया है।
फिर आपको टिकट देने की वजह?
मेरे काम के आधार पर पार्टी ने मुझे टिकट दिया है। पार्टी को कुछ तो दिखा होगा। कभी ऐसा नहीं लगा कि अब मेरा टिकट कट गया। पार्टी ने मुझे आईडीए से उठाकर सीधे सांसद का चुनाव लड़वाया। जो भी काम पार्टी देती वह मैं करता। वैसे मुझे विश्वास था कि पार्टी मुझ जैसे कार्यकर्ता को फिर जनता की सेवा के लिए चुनेगी।
विजयवर्गीय ने भी कहा था इस बार महिला को टिकट मिलेगा।
कैलाश विजयवर्गीय हमारे वरिष्ठ नेता हैं। उनके बारे में कुछ नहीं कहूंगा। उनसे ही मैंने काम करना सीखा है।
इस बार जीत का आंकड़ा और बढ़ेगा?
निश्चित ही बढ़ेगा। जिस तरह से मोदीजी ने आमजन को लाभ पहुंचाने का काम किया है और भाजपा का समर्पित कार्यकर्ता जीत के प्रति उत्साहित है, उससे इस बार जीत का आंकड़ा रिकार्ड तोड़ेगा।
अब अगली रणनीति क्या होगी?
यह तो भाजपा की चुनाव समिति तय करेगी। हमारे यहां भाजपा परिवार एक होकर काम करता है। रणनीति भी वे बनाते हैं और उसको क्रियान्वित भी वे करते हैं। मैं आज औपचारिक रूप से सभी पदाधिकारियों से मिलने जा रहा हूं, सुबह संघ की समन्वय शाखा में भी गया था। निश्चित ही हम रिकार्डतोड़ मतों से चुनाव जीतेंगे।
इस बार ग्रामीण क्षेत्र से मांगा जा रहा था टिकट?
ऐसा नहीं है, जो काम करता है, उसे पार्टी टिकट देती है और पार्टी ने तो एक पार्षद तक को बालाघाट से सांसद का टिकट दे दिया है। यह सब पार्टी के अनुभवी नेताओं द्वारा तय किया जाता है।