नई दिल्ली: जब से बांग्लादेश (Bangladesh) की कमान मोहम्मद यूनुस (Mohammed Yunus) ने संभाली है, तब से ही वह एहसान फरामोश (Ungrateful) होता जा रहा है. कभी हिंदुओं (Hindu) को टारगेट करना, कभी बाढ़ के लिए भारत (India) को जिम्मेदार ठहराना और अब दुर्गा पूजा नहीं (Durga Puja) मनाने देना. ये सब बांग्लादेश की एहसान फरामोशी के उदाहरण हैं. शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो चुकी है, मगर बांग्लादेश अब भी वहां दुर्गा पूजा मनाने नहीं दे रहा है. यही वजह है कि बांग्लादेश में दुर्गा पूजा को लेकर बवाल मचा हुआ है. हिंदुओं को दुर्गा पूजा नहीं मनाने दिया जा रहा है और कई जगहों पर मां की मूर्तियां तोड़ी (Idols Broken) गई हैं.
देश की मोहम्मद यूनुस सरकार और मुस्लिम संगठनों ने दुर्गा पूजा के लिए हिंदुओं को परमिशन देने से इनकार कर दिया है. उनकी दलील यह कि सुरक्षा के इंतजाम अच्छे नहीं हैं और हमले का खतरा बना हुआ है. वहीं, जिन्हें परमिशन मिली है, उन पूजा कमेटियों को नमाज के दौरान शांति बनाए रखने को कहा गया है. यानी नमाज के दौरान न तो पूजा हो सकती है और न ही भजन बज सकता है. यह फरमान ऐसे समय पर आया है, जब देश के कई इलाकों से दुर्गा प्रतिमाओं को तोड़े जाने की खबरें आ रही हैं.
गुरुवार तड़के किशोरगंज के बत्रिश गोपीनाथ जीउर अखाड़ा में मां दुर्गा की एकदम नई प्रतिमा तोड़ी गई. वहीं, बांग्लादेश के कोमिला जिले में एक नवनिर्मित दुर्गा प्रतिमा को तोड़ दिया गया और मंदिर के दान पात्र को लूट लिया गया. नारायण जिले के मीरापारा में दो दिन पहले कट्टरवादियों ने एक दुर्गा मंदिर पर हमला किया था. इस बीच, शीर्ष सरकारी सूत्रों ने कहा कि पूजा समितियों को 9 अक्टूबर से शुरू हो रही दुर्गा पूजा से पहले लिखित में 5 लाख रुपये प्रति पूजा पंडाल ‘जजिया’ कर के रूप में देने को कहा गया है. सूत्रों ने कहा कि जजिया कर के चलते पहले ही बहुत बड़ी संख्या में समितियों ने पूजा का आयोजन नहीं करने का फैसला किया है.
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