मेडिकल टूरिज्म बढ़ाने के लिए हुई बैठक में डॉ. भंडारी ने चौंकाया
इंदौर। कल रेसीडेंसी कोठी (Residency Kothi) में शहर के नामी अस्पतालों (Renowned Hospitals) के डॉक्टरों (Doctors) की बैठक में मेडिकल टूरिज्म (Medical Tourism) बढ़ाने पर सुझाव लिए गए। जब इंटरनेशनल मरीजों (International Patients) के इंदौर (Indore) लाने की बात हुई तो अरबिंदो कालेज के डॉ. विनोद भंडारी ने कहा कि इंदौर के अस्पताल जेसीआई में रजिस्टर्ड नहीं हैं, जो इंटरनेशनल मरीजों के इलाज के लिए मानक तय करता है। उनका एक अस्पताल जल्द ही आ रहा है और उन्होंने उसके लिए यह रजिस्टे्रशन करवाया है।
पिछले कई सालों से इंदौर में मेडिकल टूरिज्म बढ़ा है। इसके तहत आसानी से पहुंच वाले मरीज अभी इलाज कराने के लिए सीधे इंदौर आते हैं। डॉक्टरों ने यह भी बताया कि फिलहाल इंदौर में दुबई से आने वाले मरीजों की संख्या ज्यादा है, क्योंकि वहां से इंदौर आने के लिए सीधी कनेक्टिविटी है। अगर दूसरे देशों विशेषकर इंडोनेशिया, अफ्रीकी देशों से भी फ्लाइट की सुविधा मिले तो वहां से कई मरीज सीधे इंदौर आ सकते हैं और अपना इलाज करा सकते हैं। कुछ डॉक्टरों ने स्पेशिएलाजेशन की बात कही और कहा कि जिस तरह से चेन्नई, बेंगलुरु और गुजरात के शहरों में विशेष रोगों का इलाज किया जाता है, उसको लेकर इंदौर में पहल की जाना चाहिए और यहां कई अस्पतालों में आधुनिक मशीनें और उपचार की बेहतर सुविधा है इसको प्रमोट करना चाहिए। लेकिन बैठक में डॉ. विनोद भंडारी ने यह कहकर चौंका दिया कि इंदौर के अस्पतालों के पास जेसीआई रजिस्ट्रेशन ही नहीं है। हम जल्द ही जेतपुरा में एक हॉस्पिटल शुरू करने जा रहे हैं, जो जेसीआई में रजिस्टर्ड होगा। मेदांता, अरबिंदो, एप्पल, चोइथराम, इंडेक्स, डीएनएस, करुणा, पुष्पश्री, इंदौर कैंसर फाउंडेशन, केयर सीएचएल, एमिनेंट, ट्रू केयर सहित कई अस्पतालों के प्रतिनिधि डॉक्टर मौजूद रहे। डॉ. राकेश शिवहरे ने जब कहा कि इंदौर में मेडिकल सुविधाओं का प्रचार हम अगर इंटरनेशनल लेवल पर करते हैं तो हमें जेसीआई, यानी जाइंट कमिशन इंटरनेशनल में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा, क्योंकि बाहर के देशों के अधिकांश मरीज इसकी सूची देखकर ही आते हैं। डॉ. भंडारी ने कहा कि उन्होंने इसकी पहल करते हुए सभी डॉक्टरों से कहा कि वे अगर चाहें तो वे उनकी जेसीआई रजिस्ट्रेशन में मदद कर सकते हैं। आखिर में सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि सरकार की ओर से भी इस संबंध में पहल की जाएगी और एक कमेटी का गठन किया जाएगा, ताकि सभी अस्पतालों को एक प्लेटफॉर्म पर आने का मौका मिले और इंटरनेशनल के साथ-साथ डोमेस्टिक मेडिकल टूरिज्म भी बढ़े।