स्टॉकहोम। स्वीडन देश के ग्रामीण इलाके में एक के बाद एक किराने की दुकानें बंद हो रही हैं जिसकी वजह से गांववालों को कई मील चलकर सामान खरीदने जाना पड़ रहा है। लेकिन इस बीच एक नई किस्म की दुकान उभरकर आ रही है, मोबाइल या चलते फिलते कंटेनर में मशीनीकृत सुपरमार्केट।
स्टॉकहोम से 80 किलोमीटर दूर वेकहॉम नाम के गांव में आखिरी किराने की दुकान भी बंद पड़ गई है। लोग अपनी कार से दूर के सुपरमार्केट जाया करते थे लेकिन फिर जुलाई 2020 में एक ऑटोमेटड किराने की दुकान इस गांव में शुरू हुई। बीच मैदान में खड़ा यह कंटेनर 24 घंटे खुला होता है, 20 वर्ग मीटर का यह सुपरमार्केट सब कुछ बेचता है और यहां आपको कोई कैशियर नहीं दिखता।
समाचार एजेंसी एएफपी से बातचीत में ग्राहक ग्युलिया रे कहती हैं कि कुछ वक्त तक इस इलाके में कुछ नहीं था लेकिन अब बहुत सुविधा हो गई है। यहां आने वाले ग्राहक अपने एप से सुपरमार्केट का दरवाज़ा खोलते हैं। वह हफ्ते में तीन बार आकर जरूरी सामान खरीद लेते हैं। ग्राहकों के मुताबिक यह सौदा ज़रा महंगा तो होता है लेकिन दूर न जाने से भी वक्त बचता है।
ग्राहक अपने फोन के एप पर पिज्ज़ा और सोडा को स्कैन करता है जो उसके बैंक अकाउंट और राष्ट्रीय पहचान प्रणाली से जुड़ा होता है ताकि चोरी को रोका जा सके। यह पूरा काम वहां लगे सेक्योरिटी कैमरा की निगरानी में होता है।
लागत कम करने का उद्देश्य
स्वीडन में पिछले 25 सालों में किराने की छोटी दुकानें बंद पड़ रही हैं। जहां सुपरस्टोर की तादाद इतने सालों में तीन गुनी हो गई है, वहीं ग्रामीण दुकानें यूरोप के अन्य हिस्सों की तरह बंद पड़ गई हैं क्योंकि वो फायदेमंद साबित नहीं हो रही थी। वहीं Lifvs जैसी ऑटोमेटेड दुकानें पिछले दो साल में स्वीडन के ग्रामीण इलाकों में जगह बना रही हैं। Lifvs के सहसंस्थापक डेनियल लुंध कहते हैं- हम दाम को कम रखना चाहते हैं इसलिए जरूरी है कि हमारी लागत कम हो, इसलिए दुकान छोटी होती है और स्टाफ नहीं होता। इलाके के मेयर पीटर बुक काफी आशावान हैं और कहते हैं कि इस तरह की दुकानें सुविधा बढ़ाते हैं। मेयर यह भी कहते हैं कि इस बहाने लोग एक दूसरे से मिलते जुलते भी हैं।
हालांकि कोविड की वजह से इस तरह के स्टोर में भीड़ से बचा जा सकता है। स्वीडन दुनिया के सबसे डिजिटलाइज़्ड देशों में से एक है। यहां 92 फीसदी लोगों के पास स्मार्टफोन है। कोविड को हटाया जाए तो कई लोगों के लिए यह जगह मिलन जुलने की जगह बन गई है जहां एक-एक व्यक्ति अपना सामान लेने अंदर जाता है और बाहर निकलकर बातचीत भी हो जाती है। जैसे रे कहती हैं –मेरी मां पास में ही रहती है और यह एक ऐसी दुकान है जहां वह कभी भी आ सकती है। और तो कहीं वो जा नहीं सकती इसलिए यहीं से उन्हें राहत मिलती है।
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