प्योंगयांग: हमास-इजरायल (Hamas–Israel) और रूस-यूक्रेन (Russia–Ukraine) के बीच जारी लड़ाई के बीच दुनिया के एक और हिस्से में संघर्ष का अंदेशा खड़ा हो गया है। उत्तर कोरिया (North Korea) ने अपनी फ्रंट लाइन आर्मी यूनिट को 250 परमाणु सक्षम मिसाइल (250 nuclear missiles) लॉन्चर तैनाती के लिए सौंपे हैं। इस दौरान देश के सुप्रीम नेता किम जोंग उन (Kim Jong Un) ने अमेरिकी खतरे का मुकाबला करने के लिए सेना की परमाणु क्षमताओं को बढ़ाने का आह्वान किया। किम का परमाणु हथियारों पर जोर का मकसद दक्षिण कोरियाई सीमा पर सेना को मजबूत करना है। हाल में तैनाती के लिए सेना को दिए गए लॉन्चर उत्तर कोरिया की युद्ध सामग्री फैक्ट्रियों में बैलिस्टिक मिसाइलों के लिए डिजाइन किए गए हैं, जो कम क्षमता वाले परमाणु हथियारों के लिए उपयुक्त हैं।
किम ने हथियारों के विकास को दी है रफ्तार
यूक्रेन और रूस का युद्ध शुरू होने के बाद इसे आड़ बनाकर किम जोंग अपने देश के लिए हथियारों के विकास में तेजी लाए हैं। खासतौर से परमाणु हथियारों पर उनका जोर है। इसके जवाब में जवाब में अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान संयुक्त सैन्य अभ्यास कर रहे है। साथ ही ये देश अमेरिकी सैन्य संपत्तियों को शामिल करते हुए अपनी परमाणु निरोध रणनीतियों को बेहतर कर रहे हैं। दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के प्रवक्ता ली सुंग जून ने कहा कि उनके देश की सेना और अमेरिकी सेना मिलकर उत्तर कोरिया के हथियारों के विकास का बारीकी से विश्लेषण कर रही हैं। इसमें मिसाइल प्रणालियों की तैयारी की निगरानी कर रही हैं, उनकी परिचालन स्थिति पर खासतौर से ध्यान दिया जा रहा है।
दक्षिण कोरिया और अमेरिका की चिंता बढ़ रही है क्योंकि किम ने हाल ही में ह्वासोंग-11 मिसाइल का भी जिक्र किया था। ये मिसाइल दक्षिण कोरिया के राजधानी को कवर करते हुए 100 किलोमीटर तक पहुंचने में सक्षम है। किम ने एक बार फिर से अमेरिका के साथ लंबे टकराव के लिए तैयार रहने का भी आह्वान किया है।
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