प्योंगयांग। उत्तर कोरिया (North Korea) ने एक सप्ताह के भीतर दूसरी बार बैलिस्टिक मिसाइल (ballistic missile) का टेस्ट किया है, जिससे जापान (Japan) और दक्षिण कोरिया (South Korea) की चिंता बढ़ गई है. साउथ कोरिया की सेना (south korea army) और जापान के तटरक्षक बल (Japan Coast Guard) ने कहा है कि उत्तर कोरिया द्वारा फिर से मिसाइल दागा गया है. क्योडो न्यूज एजेंसी ने जापानी सरकार के स्रोत के हवाले से कहा है कि उत्तर कोरिया द्वारा दागा गया मिसाइल (ballistic missile) जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र के बाहर गिरा.
उन्होंने कहा कि किम जोंग उन के सेना से और अधिक सैन्य प्रगति करने का आग्रह करने के एक सप्ताह से भी कम समय में स्पष्ट रूप से यह दूसरी बार परीक्षण किया गया है. वहीं दूसरी ओर, दक्षिण कोरिया की सेना ने भी बिना विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए ऐसी ही एक अनाम योजना पर काम शुरू कर दिया है.
परमाणु हथियार से लैस उत्तर कोरिया द्वारा किए गए परीक्षण ने नेता किम जोंग उन के नए साल के संकल्प को रेखांकित किया है, जिसमें उन्होंने दक्षिण कोरिया और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ रुकी हुई बातचीत के बीच अस्थिर अंतरराष्ट्रीय स्थिति का मुकाबला करने के लिए सेना को मजबूत करने की बात कही थी. दरअसल, संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका, फ्रांस, आयरलैंड, जापान, ब्रिटेन और अल्बानिया ने सोमवार को संयुक्त बयान जारी कर पिछले सप्ताह उत्तर कोरिया द्वारा किए गए मिसाइल टेस्ट की निंदा की थी. इसके अलगे ही दिन मंगलवार को उत्तर कोरिया ने दूसरा मिसाइल टेस्ट कर दिया. पिछले हफ्ते बुधवार को उत्तर कोरिया ने कहा था कि उसने एक हाइपरसोनिक मिसाइल दागी थी, जिसने एक लक्ष्य को सफलतापूर्वक भेद दिया. परमाणु-सशस्त्र उत्तर कोरिया द्वारा शुरू किए गए परीक्षण ने दक्षिण कोरिया और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ बातचीत रुकी हुई है. इस बीच अस्थिर अंतरराष्ट्रीय स्थिति का मुकाबला करने और सेना को मजबूत करने के लिए नेता किम जोंग उन ने नए साल पर इस संकल्प को रेखांकित किया था. जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा ने मीडिया से कहा कि हमें यह वास्तव में खेदजनक लगता है कि उत्तर कोरिया ने पिछले साल से मिसाइलें दागना जारी रखा है. किशिदा ने कहा कि उत्तर कोरिया के इस परीक्षण के बारे में अन्य विवरण तत्काल उपलब्ध नहीं हैं, जैसे कि संदिग्ध मिसाइल कहां गिरी और क्या कोई नुकसान हुआ. अधिकारियों को उस क्षेत्र में जहाजों और विमानों की सुरक्षा की पुष्टि करने का आदेश दिया जहां संदिग्ध मिसाइल दागे जाने के बाद गिरने की संभावना थी. बता दें कि 4 जनवरी को उत्तर कोरिया ने हाइपरसोनिक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था. मिसाइल ने 700 किमी (435 मील) दूर एक टारगेट को ठीक से हिट किया था. अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच वार्ता में 2019 से गतिरोध बना हुआ है, जब अमेरिका ने पाबंदियों में बड़ी राहत देने का उत्तर कोरिया के आग्रह को ठुकरा दिया था. अब किम की सरकार बाइडन प्रशासन के वार्ता के अनुरोध को ठुकरा रही है, उसका कहना है कि पहले वॉशिंगटन अपनी शत्रुतापूर्ण नीतियों को छोड़े. विशेषज्ञों का मानना है उत्तर कोरिया अपने चिर प्रतिद्वंद्वियों पर उसे परमाणु शक्ति संपन्न देश के रूप में स्वीकार करने और देश पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को कम करने के लिए अधिक दबाव डालने के इरादे से इस तरह के परीक्षण कर रहा है.