बेंगलुरु: कोरोना वायरस के बाद केरल के वायनाड में नोरोवायरस यानी विंटर वोमिटिंग वायरस कहर बरपा सकता है. दूषित पानी और खाने के जरिए फैलने वाली इस बीमारी से सावधान रहने के लिए केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य के अधिकारियों को इस बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने एक आदेश भी जारी कर जिले में लोगों से सतर्क रहने को कहा है. दरअसल, 2 सप्ताह पहले वायनाड जिले के विथिरी के पास पुकोडे में एक पशु चिकित्सा महाविद्यालय के लगभग 13 छात्रों में दुर्लभ नोरोवायरस संक्रमण की सूचना मिली थी.
जॉर्ज ने अपनी अध्यक्षता में हुई केरल के स्वास्थ्य विभाग की एक बैठक के बाद कहा कि फिलहाल किसी तरह की चिंता की कोई बात नहीं है, लेकिन लोगों को सर्तक रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि लोगों को नोरोवायरस से बचाव के लिए पेयजल स्त्रोतों को स्वच्छ बनाने और खाने-पीने की अच्छी आदतों के बारे में बताने के लिए कहा है. उन्होंने कहा, “उचित रोकथाम और उपचार से बीमारी को जल्दी ठीक किया जा सकता है. इसलिए सभी को इस बीमारी और इसके बचाव के उपायों के बारे में पता होना चाहिए.”
क्या है नोरोवायरस?
कोरोना वायरस की तरह ही नोरोवायरस भी एक संक्रामक संक्रमण है. ये डायरिया, उल्टी, मतली और पेट दर्द की वजह बनता है. पब्लिक हेल्थ के मुताबिक, संक्रमित लोगों या दूषित सतह के संपर्क में आने से ये आसानी से फैल सकता है लेकिन संक्रमित लोगों में से मात्र कुछ ही दूसरे शख्स को बीमार कर सकते हैं. पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने उसे ‘विंटर वोमिटिंग बग’ बताया है और आम तौर से सर्दी के महीनों में हमला करता है. अधिकतर संक्रमण की वजह बीमार लोगों के संपर्क या दूषित सतह या दूषित फूड या ड्रिंक का सेवन होता है.
नोरोवायरस के लक्षण?
सीडीसी की तरफ से सूचीबद्ध किए गए नोरोवायरस के लक्षणों और संकेतों में डायरिया, उल्टी, मतली, पेट दर्द, बुखार, सिर दर्द और बदन दर्द शामिल हैं. कुछ मामलों में, वायरस पेट या आंतों के गंभीर सूजन का कारण बन सकता है.
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