नई दिल्ली। सामान्य भाषा में कहें तो ज्योतिष शास्त्र (Astrology) न केवल भविष्य बताता है अपितु वह कुंडली (Horoscope) के शुभ-अशुभ ग्रहों की स्थिति को देखते हुए हमें जरुरी मार्गदर्शन (Guidance) भी देता है। ज्योतिस शास्त्र बताता हे कि किस ग्रह की स्थिति कैसी होने पर क्या काम करने चाहिए और किन कामो को नहीं करना चाहिए। इसी तरह हमारा भोजन भि कुंडली के ग्रहों पर असर डालता है। ज्योतिष शास्त्र की शाख को फूड एस्ट्रोलॉजी कहा जाता है। इसके मुताबिक व्यक्ति के द्वारा ग्रहण किया गया भोजन उसके ग्रहों पर अनुकूल या प्रतिकूल असर डालता है।
यह हैं भोजन के प्रकार
श्रीमद्भगवत गीता (Shrimad Bhagavad Gita) में भी भोजन के बारे में अहम बातें बताईं गईं हैं। इसके मुताबिक भोजन 3 प्रकार का होता है, सात्विक, राजसिक और तामसिक (Sattvik, Rajasic and Tamasic)। इन भोजन को ग्रहण करने से होने वाले शारीरिक और मानसिक असर भी अलग-अलग होते हैं। सात्विक भोजन (sattvic food) व्यक्ति को अच्छी संगत और सुकून की ओर ले जाता है। जबकि तामसिक भोजन (vengeful food) उसे अशांत और हिंसक बनाता है और गलत राह पर ले जाता है। यह उसकी शरीर की ऊर्जा को नकारात्मक बनाता है। इसलिए धर्म-शास्त्रों और ज्योतिष (theology and astrology) आदि सभी में सात्विक भोजन को ज्यादा महत्त्व दिया गया है।
नॉनवेज-शराब का न करें सेवन
शनि-राहु (saturn-rahu) जिन लोगों की कुंडली में अच्छी स्थिति में न हों या उनके ऊपर शनि की महादशा (Mahadasha of Saturn) चल रही हो उन लोगों को गलती से भी तामसिक भोजन जेसे नॉनवेज या शराब (non veg or alcohol) का सेवन नहीं करना चाहिए। यह उनकी जिंदगी को बदतर बना सकता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को कई बीमारियों, तनाव और धन हानि जेसी स्थितयो से गुजरना पड़ता है।
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