देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने मंगलवार को कहा है कि चार धाम यात्रा (Char Dham Yatra) में आने वाले लोगों को पहले सत्यापन कराया जाएगा। धामी ने यह बयान संतों की उस मांग के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि चार धाम क्षेत्र में गैर-हिंदुओं का प्रवेश प्रतिबंधित किया जाए। तब धामी सरकार ने कहा कि सरकार इस पर विचार कर रही है और जल्दी ही इस पर कार्रवाई की जाएगी।
उत्तराखंड में अगले महीने से चार धाम की यात्रा शुरू हो जाएगी। इससे पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि चार धाम यात्रा में आने वाले संदिग्ध लोगों पर नजर रखी जाएगी। यात्रा पर जाने से पहले लोगों को सत्यापन कराया जाएगा। हालांकि, मुख्यमंत्री ने किसी धर्म विशेष के लोगों के सत्यापन को लेकर कुछ नहीं कहा। उन्होंने कहा कि चार धाम यात्रा को लेकर किसी तरह की अव्यवस्था न हो, इसलिए यूपी, दिल्ली तथा अन्य प्रदेशों से आने वाले श्रद्धालुओं का वेरिफिकेशन कराया जाएगा।
धामी ने कहा, ‘हमारा प्रदेश शांत रहना चाहिए, हमारे प्रदेश की धर्म संस्कृति बची रहनी चाहिए। उसको लेकर सरकार अपने स्तर पर ड्राइव चलाएगी। हम कोशिश करेंगे कि जिन लोगों के यहां पर ठीक प्रकार से वेरिफिकेशन नहीं है, उनका वेरिफिकेशन हो और ऐसा कोई व्यक्ति चार धाम के अंदर न आए जिसकी वजह से स्थिति खराब हो।’
बता दें कि कई साध्वी प्राची समेत कई संतों ने ऐसी मांग रखी थी कि चार धाम की यात्रा में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर पाबंदी लगाई जाए। संतों का कहना है कि दूसरे के धर्मस्थलों पर किसी हिंदू के आने-जाने की अनुमति नहीं है लेकिन हिंदुओं के धार्मिक स्थलों पर बाकी धर्म के लोग आते-जाते रहते हैं। शंकराचार्य परिषद ने भी संतों की मांग का समर्थन करते हुए यही मांग दोहराई थी।
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