मोरादाबाद। अदालत ने सपा विधायक अब्दुल्ला आजम (SP MLA Abdullah Azam) के खिलाफ गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी कर दिया है। दरअसल, छजलैट प्रकरण (Chhajalat case) में अदालत में हाजिर न होने के कारण मंगलवार को इस मुकदमे की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (MP-MLA Special Court) में हुई थी, जिसमें आजम खान और अब्दुल्ला आजम की ओर से स्थगन प्रार्थना पत्र (adjournment application) प्रस्तुत किया गया था। इसमें आजम खान के बीमारी की रिपोर्ट बनाने वाले डाक्टर को भी अदालत ने 27 सितंबर को तलब किया है।
मायावती शासनकाल के दौरान थाना छजलैट में 29 जनवरी 2008 सपा के पूर्व मंत्री और वर्तमान रामपुर विधायक आजम खान की कार को चेकिंग के लिए रोका गया था, जिसके बाद विवाद बढ़ गया था और आसपास के जनपदों से सपा के नेता मौके पर पहुंचे थे। आरोप लगा था कि इन्होंने आम जनता को उकसा कर सड़क जाम करते हुए बावल किया और सरकारी कार्य मे बाधा उत्पन्न की। इस मुकदमे की सुनवाई जिले की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट स्मिता गोस्वामी की अदालत में की जा रही है।
मंगलवार को आरोपियों की ओर से ब्यान दर्ज किए जाने थे लेकिन आजम खान और अब्दुल्ला आजम की ओर से स्थगन प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया था। उसे सुनने के बाद अदालत ने आरोपी आजम खान का प्रार्थना पत्र स्वीकर करते हुए उनकी बीमारी की रिपोर्ट देने वाले नोयडा स्थित वेदांता अस्पताल के चिकित्सक को 27 सितंबर को तलब किया और अब्दुल्ला आजम का प्रार्थना पत्र निरस्त कर उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर दोनों पिता- पुत्र की पत्रावली प्रथक कर दी गई थीं।
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