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    रजिस्ट्री के साथ नामांतरण… व्हॉट्सऐप पर मिलेंगे प्रमाण-पत्र

  • December 26, 2020


    दो दिन ग्राम पंचायत मुख्यालय पर रूकेंगे पटवारी… फॉम में आए शिवराज के बयानों पर प्रशासन करेगा अमल
    इन्दौर। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान का बाबई में दिया गया भाषण सोशल मीडिया पर भी खूब चल रहा है, जिसमें उन्होंने गुंडों और माफियाओं को चेतावनी देते हुए कहा कि अपन अभी बहुत फार्म में चल रहे हैं और मामा किसी गड़बड़ी करने वालों को छोड़ेगा नहीं और 10 फीट नीचे जमीन में गाड़ देगा। इसके साथ ही राजस्व के संबंध में भी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण करवाने और व्हाट्सएप के जरिए जाति-आय प्रमाण-पत्र देने से लेकर एसएमएस के जरिए सूचना देने की व्यवस्था भी जल्द लागू की जाएगी। इंदौर कलेक्टर ने हालांकि राजस्व प्रकरणों को समय सीमा में निपटाने की प्रक्रिया सख्ती से शुरू की है, जिसके चलते एक महीने में ही 10 हजार से ज्यादा प्रकरण निपटाए भी गए और पूरे अमले की सतत मॉनिटरिंग भी की जा रही है।
    मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने यह भी निर्देश दिए हैं कि सभी पटवारियों को दो दिन ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर हफ्ते में रूकना होगा, नहीं तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। वहीं सीएम हेल्पलाइन 181 पर फोन करने पर आधार नम्बर बताना होगा और जाति आयप्रमाण-पत्र, आय प्रमाण-पत्र मांगा जाएगा, वह मोबाइल पर व्हाट्सएप के जरिए मिल जाएगा। नए साल में अप्रैल से इस तरह की व्यवस्थाएं पूरे प्रदेश में लागू की जाएगी। साथ ही जमीन की रजिस्ट्री होने के साथ ही तत्काल नामांतरण भी कर देंगे, जिसकी सूचना एसएमएस के जरिए तहसीलदार को मिलेगी और भूमि के खसरे में नाम परिवर्तन होने पर भी एसएमएस के जरिए सूचना प्राप्त हो जाएगी। राजस्व और खासकर किसानों के संबंध में खसरा, खतौनी, नकल से लेकर नामांतरण, सीमांकन, बंटवारे के प्रकरण भी समय सीमा में हल होंगे। हालांकि इसके लिए लोक सूचना अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है। वहीं इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने भी राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिए सख्त कदम उठाए और दलालों के प्रवेश पर रोक लगाते हुए पटवारियों-राजस्व निरीक्षकों आदि की ड्यूटी तय करदी है। सारे तहसील कार्यालय सुबह साढ़े 10 बजे से शुरू होकर देर रात तक संचालित हो रहे हैं और पहले जहां 30 हजार से ज्यादा राजस्व प्रकरण कोरोना संक्रमण और उपचुनावों के चलते लम्बित हो गए थे, अब उन्हें तेजी से निराकरण किया जा रहा है। शुरुआत के 30 दिनों में ही 10 हजार से अधिक प्रकरणों का निराकरण किया गया। वहीं शेष बचे प्रकरणों को भी साल के अंत तक अधिकांश निराकृत कर दिए जाएंगे। कलेक्टर मनीष सिंह रोजाना इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं और दफ्तर पहुंचने पर वे सबसे पहले समाधान केन्द्र से लेकर तहसील कार्यालयों का निरीक्षण करते हैं और जरा-सी लापरवाही मिलने पर अमले को फटकार लगाई जाती है। वहीं एक हेल्प डेस्क भी बना दी है, जिसके जरिए आवेदकों को राजस्व प्रकरण के संबंध में आवेदन करने से लेकर अन्य प्रक्रिया की जानकारी दी जाती है, जहां अभी दो-दो पटवारियों की ड्यूटी लगाई गई है। वहीं अपर कलेक्टरों को जिम्मेदारी दी गई है कि वे रोजाना निराकृत होने वाले प्रकरणों की मॉनिटरिंग करें। कलेक्टर का कहना है कि राजस्व से संबंधित अन्य सुधार कार्य लम्बित प्रकरणों के निराकरण हो जाने के बाद शुरू करेंगे। अभी तो पूरे अमले को नामांतरण, बंटवारे, सीमांकन से लेकर अन्य कामों में लगा रखा है। अभी किसानों को दी जाने वाली राहत राशि सहित अन्य कार्यों में भी राजस्व अमले का इस्तेमाल किया गया। वहीं अब सभी को यह भी कहा गया है कि वे पूरा समय राजस्व प्रकरणों के निराकरण को दें और जल्द से जल्द लोगों को राहत मिल सके। सभी तरह के दलालों की भी छुट्टी कर दी गई है और संबंधित कालोनाइजर, बिल्डर या अन्य डवलपर अपने अधिकृत प्रतिनिधि या अभिभाषकों के माध्यम से ही अपने आवेदन प्रस्तुत कर रहे हैं।

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