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नोएडा का जेवर एयरपोर्ट विश्व का चौथा सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा

December 01, 2021

-अम्बरीष कुमार सक्सेना

उत्तर प्रदेश के नोएडा का जेवर एयरपोर्ट विश्व का चौथा सबसे बड़ा अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा, जिसके निर्माण का शिलान्यास देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने 25 नवम्बर, 2021 को किया है। यह अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डा विश्व के महत्वपूर्ण हवाई अड्डों में माना जायेगा। भारत के एविएशन मैप में उत्तर प्रदेश शीर्ष पर रहेगा। पूरे देश में यह सबसे बड़ा अन्तरराष्ट्रीय एयरपोर्ट होगा। इसके निर्माण से देश की आर्थिक गतिविधियों में तेजी आयेगी और यह एयरपोर्ट भविष्य के लिए उड्डयन क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम है। उत्तर प्रदेश के आर्थिक विकास में यह हवाई अड्डा महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा।

जेवर एयरपोर्ट का निर्माण पहले चरण में 3300 एकड़ भूमि पर आरम्भ हुआ है और इसके निर्माण में 5730 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हुआ है। इस एयरपोर्ट में निवेश की संभावनाओं को बल मिलेगा। दिल्ली के पास होने के साथ-साथ प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, मेरठ, अलीगढ़ आदि जनपदों के औद्योगिक विकास, फिल्म सिटी, मेडिकल डिवाइस पार्क, एपैरल पार्क, उप्र डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, अलीगढ़ नोड़ के निर्माण से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों, उद्यमियों, व्यापारियों, आमजन को विशेष लाभ होगा। जेवर एयरपोर्ट के बन जाने पर एक लाख से अधिक युवाओं को रोजगार मिलेगा। हजारों युवक अपना काम धंधा, उद्यम स्थापित कर आत्मनिर्भर बनेंगे।

भारत में पहली बार इंटीग्रेटेड मल्टी मॉडल कार्गाे हब की अवधारणा के साथ जेवर एयरपोर्ट का निर्माण किया जा रहा है। इसके निर्माण से प्रदेश देश में बनी विभिन्न औद्योगिक, खाद्यान्न आदि वस्तुओं का निर्यात शीघ्रता से होगा। साथ ही वस्तुओं के विनिमय आयात निर्यात/लॉजिस्टिक लागत में कमी आयेगी और समय की बचत होगी। शीघ्रता में भेजी जाने वाली वस्तुओं, स्थानीय उत्पाद और कृषि उपज अन्तरराष्ट्रीय बाजारों में प्रतिस्पर्धा के साथ आयेंगे। प्रतिस्पर्धा होने से निर्मित वस्तुओं, विभिन्न उत्पादों की गुणवत्ता भी अच्छी होगी। किसानों के विभिन्न कृषि उपज की मांग बढ़ेगी एवं उससे बनने वाले खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के उत्पाद का निर्यात भी शीघ्रता से होगा। प्रदेश के विभिन्न उत्पादों के निर्यात के लिए कार्गाे हब का निर्माण प्रदेश वासियों की आर्थिक प्रगति में बहुत सहायक होगा।

देश के मैप में जेवर एयरपोर्ट उत्तर भारत के लॉजिस्टिक गेटवे के रूप में उभरेगा और उत्तर प्रदेश ग्लोबल लॉजिस्टिक मैप के रूप में विश्व के नक्शे में उभरेगा। इस एयरपोर्ट से प्रतिवर्ष लगभग सवा करोड़ यात्रियों का आवागमन होगा। दिल्ली गाजियाबाद, नोएडा, अलीगढ़, आगरा, फरीदाबाद, मेरठ आदि शहरों के करोड़ों लोगों को इसका लाभ मिलेगा। इस एयरपोर्ट के साथ ही एयरो सिटी के निर्माण की योजना भी सरकार ने बनाई है इस एयरपोर्ट के निर्माण से हॉस्पिटैलिटी और पर्यटन के क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। पर्यटन को बढ़़ावा मिलने से देश की संस्कृति और आर्थिक प्रगति में मजबूती आयेगी।

जेवर में बन रहे इस एयरपोर्ट के साथ ग्राउण्ड ट्रांसपोर्टेशन सेन्टर का भी विकास होगा, एयरपोर्ट तक रोड, रेल और मेट्रो के निर्माण से निर्बाध कनेक्टिविटी बनी रहेगी। इस एयरपोर्ट का संचालन डिजिटल टेक्नोलॉजी पर आधारित होगा और यह नेट जीरो एमिशन के साथ संचालित होगा। देश में उत्तर प्रदेश सर्वाधिक 5 अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डों का राज्य बना है। इस एयरपोर्ट को 2024 तक बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

(लेखक हिन्दुस्थान समाचार से संबद्ध हैं।)

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