नई दिल्ली। इस साल का केमिस्ट्री का नोबेल पुरस्कार Emmanuelle Charpentier और Jennifer A. Doudna को जीनोम एडिटिंग का तरीका खोजने के लिए दिया गया है। ‘स्वीडिश अकेडमी ऑफ साइंसेज’ के पैनल ने इसकी घोषणा की है। बता दें कि इस पुरस्कार के जरिए अकसर उन कार्यों को सम्मानित किया जाता है, जिनका आज व्यावहारिक रूप से विस्तृत उपयोग हो रहा है।
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The 2020 #NobelPrize in Chemistry has been awarded to Emmanuelle Charpentier and Jennifer A. Doudna “for the development of a method for genome editing.” pic.twitter.com/CrsnEuSwGD— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 7, 2020
बता दें कि पिछले साल लिथियम-आयन बैटरी बनाने वाले वैज्ञानिकों- जॉन बी गुडइनफ, एम स्टैनली विटिंघम और अकीरा योशिनो को नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया था।
इससे पहले रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने 2020 में भौतकी के लिए नोबेल प्राइज का एक हिस्सा रोजर पेनरोज को और दूसरे हिस्से को संयुक्त रूप से रेनहार्ड गेंजेल और ऐंड्रिया गेज को देने का फैसला किया। रॉजर पेनरोज ने यह बताया था कि ब्लैक होल फॉर्मेशन से जनरल थिअरी ऑफ रिलेटिविटी को प्रिडिक्ट किया जा सकता है। वहीं, रेनहार्ड और ऐंड्रिया ने हमारी गैलेक्सी के केंद्र में मौजूद विशाल द्रव्यमान (supermassive) के कॉम्पैक्ट ऑब्जेक्ट की खोज की थी। रॉयल स्वीडिश अकैडमी ऑफ साइंसेज के सेक्रटरी जनरल होरान हैनसन ने पुरस्कार का ऐलान किया। इस पुरस्कार में गोल्ड मेडल के साथ 11 लाख डॉलर से ज्यादा कैश प्राइज मिलता है। स्वीडिश इन्वेन्टर अल्फ्रेड नोबेल के नाम पर यह पुरस्कार दिया जाता है।
वहीं सोमवार को साल 2020 का चिकित्सा में नोबेल पुरस्कार हार्वे जे अल्टर, माइकल ह्यूटन और चार्ल्स एम राइस को “हेपेटाइटिस सी” की खोज के लिए दिया गया। नोबेल पुरस्कार समिति ने ट्विटर पर कहा, “रक्त-जनित हेपेटाइटिस, विश्व भर के लोगों में सिरोसिस और यकृत कैंसर का कारण बनता है। इसके खिलाफ लड़ाई में इन तीनों ने निर्णायक योगदान दिया। नोबेल कमेटी के प्रमुख थॉमस पर्लमैन ने स्टॉकहोम में इसकी घोषणा की।
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