चंडीगढ़ । हरियाणा सरकार (Haryana Government) ने हाईकोर्ट को सूचित किया कि (Informed the High Court that) रॉबर्ट वाड्रा की स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी द्वारा (By Robert Vadra’s Skylight Hospitality) डीएलएफ को (To DLF) जमीन हस्तांतरण में (In Transfer of Land) नियमों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ (No Violation of Rules) । गुरुग्राम पुलिस द्वारा कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के प्रति राबर्ट वाड्रा, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और अन्य के खिलाफ भूमि सौदे में अनियमितता के संबंध में केस दर्ज किए जाने के पांच साल बाद हरियाणा सरकार ने यह सफाई दी है ।
सरकार ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में दायर एक हलफनामे में कहा, तहसीलदार, मानेसर, गुरुग्राम द्वारा यह बताया गया था कि मैसर्स स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने 18 सितंबर, 2019 को मेसर्स डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड को 3.5 एकड़ जमीन बेची थी, उक्त लेनदेन में किसी भी नियम / नियमों का उल्लंघन नहीं किया गया है।
तहसीलदार, वजीराबाद, गुरुग्राम से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, यह कहा गया है कि विचाराधीन भूमि मैसर्स डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड के नाम पर नहीं मिली है और भूमि अभी भी एचएसवीपी/एचएसआईआईडीसी, हरियाणा के नाम पर मौजूद है। इसने कहा कि आगे की जांच के लिए एक नई विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया है।
22 मार्च को गठित एसआईटी में एक पुलिस उपायुक्त (डीसीपी), दो सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी), एक निरीक्षक और एक एएसआई शामिल हैं। भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनावों में भूमि सौदे में कथित भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद को एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाया था। महानिरीक्षक (गुरुग्राम) राज श्री सिंह ने हलफनामे में कहा है कि अब तक हरियाणा में सांसदों और विधायकों के खिलाफ आठ मामले दर्ज किए गए हैं और उनकी जांच की जा रही है। 1 सितंबर, 2018 को गुरुग्राम पुलिस ने हुड्डा, वाड्रा और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
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