उज्जैन। कोरोना को लेकर सरकार भले ही कितनी ही चिंतित दिखे, लेकिन जिले के स्वास्थ्य विभाग और भोपाल स्थित स्वास्थ्य संचालनालय के बीच समन्वय का पूरी तरह से अभाव दिखाई दे रहा है। हालात यह है कि दो दिन पूर्व जिस अत्याधुनिक आइसीयू का लोकार्पण मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने शा.माधवनगर में कोरोना मरीजो के लिए किया था,उसके लिए ट्रेंड स्टॉफ अभी तक नहीं दिया गया है। दूसरी ओर चरक के 5वें माले पर शुरू किए जानेवाले कोरोना मरीजों के लिए 100 बेड के ऑक्सीजन युक्त वार्ड के लिए स्टॉफ की स्वीकृति भोपाल से आ गई है।
विदित हो कि 18 सितंबर को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने उज्जैन प्रवास के दौरान शा.माधवनगर में अत्याधुनिक 20 बेड की आइसीयू का लोकार्पण कोरोना मरीजों के उपचार के लिए किया था । इसकी लागत 155.78 लाख रूपये आई। इस लोकार्पण का कार्यक्रम एक सप्ताह पूर्व सीएम हाउस से डिस्कस हो चुका था। इधर 17 सितंबर को एक पत्र राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन,भोपाल से सीएमएचओ,उज्जैन को जारी किया गया। मिशन प्रभारी डॉ.सलोनी सिडाना द्वारा जारी इस पत्र में सीएमचओ डॉ.महावीर खण्डेलवाल को कहा गया कि कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए अतिरिक्त मानव संसाधन की अनुमति दी जा रही है। इसमें कलेक्टर,उज्जैन के 15 सितंबर को एवं सीएमएचओ को 17 सितंबर को ई-मेल किए गए पत्र का उल्लेख करते हुए कहा गया कि चरक भवन के 5वें तल पर कोविड-19 के मरीजों के उपचार के लिए 100 बिस्तर का कोविड वार्ड बनाने के लिए स्टॉफ रखना है। अत: 30 सितंबर तक स्टॉफ पदस्थ करने की स्वीकृति दी जाती है।
यह स्टॉफ किया स्वीकृत
* एमडी मेडिसिन 02
* एमडी डीटीसीटी 01
* एमडी एनेस्थेटिक्स 01
* स्टॉफ नर्स 42
30 सितंबर के बाद प्रारंभ हो पाएगा चरक अस्पताल
इस अस्थायी स्टॉफ की नियुक्ति सीएमएचओ कार्यालय द्वारा 30 सितंबर तक की जाना है। नियुक्ति की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद उक्त स्टॉफ काम पर आएगा। इसके बाद चरक भवन के 5वें तल पर बने कोरोना वार्ड में कोरोना मरीजों का उपचार प्रारंभ हो पाएगा।
इस संबंध में सीएमएचओ डॉ.महावीर खण्डेलवाल का कहना है कि आइसीयू चालू कर दी गई है। वहां मरीज भी भर्ती है। स्टॉफ को लेकर उन्होंने कहाकि शीघ्र व्यवस्था हो जाएगी।
जबकि शा.माधवनगर के प्रभारी डॉ.भोजराज शर्मा से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि अत्याधुनिक आइसीयू के लिए ट्रेण्ड स्टॉफ अभी तक नहीं आया है। वहां केवल चार मरीजों को शिफ्ट किया गया है। स्टॉफ आने पर ही आइसीयू पूरी तरह से प्रारंभ हो पाएगी। अभी उपलब्ध स्टॉफ इतना नहीं है कि आइसीयू को पूरी तरह से प्रारंभ किया जा सके।
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