नई दिल्ली। तीन कृषि सुधार कानूनों (three agricultural reform laws) के खिलाफ सोमवार को आंदोलनकारियों के भारत बंद (India bandh of agitators) का दिल्ली सहित देश के बाजारों (country markets) में कोई खास असर नहीं पड़ा है। राजधानी सहित देश के अन्य हिस्सों में बाजार पूरी तरह खुले हैं और कारोबारी गतिविधियां सामान्य रूप से चल रही हैं। यह जानकारी कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) (Confederation of All India Traders (CAIT)) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने दी।
खंडेलवाल ने आंदोलनकारियों को सलाह दी कि वो संघर्ष का रास्ता छोड़कर सरकार से बातचीत के रास्ते तलाशें। उन्होंने कहा कि भारत बंद को लेकर किसी भी किसान संगठन ने न तो हमसे संपर्क किया और न ही व्यापारियों का किसानों के मुद्दे पर कारोबार बंद करने का मन है। उन्होंने कहा कि अड़ियल रुख से किसी भी समस्या का समाधान संभव नहीं है। यह सत्य है की किसान आंदोलन अब अप्रासंगिक हो गया है और इससे किसानों का ही बड़ा नुकसान हो रहा है।
खंडेलवाल ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर भी देश का किसान नुकसान की खेती कर रहा है, लेकिन कृषि से जुड़े सभी वर्गों को एक साथ बैठकर घाटे की खेती को लाभ की खेती में कैसे बदलें, इस पर विचार करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सरकार भी इसमें सहयोग दे, यह भी जरूरी है। किसान संगठनों को इस बारे में पहल करते हुए कृषि से जुड़े सभी वर्गों के साथ बातचीत का सिलसिला शुरू करना चाहिए।
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