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    इस स्‍वदेशी कोरोना वैक्‍सीन के पहले फेज के ट्रायल में कोई साइड इफेक्‍ट नहीं

  • December 17, 2020


    नई दिल्‍ली । भारत बायोटेक और आईसीएमआर की स्वदेशी कोरोना वैक्सीन Covaxin के पहले चरण का शुरुआती आकलन अच्छी खबर लाया है. अंतरिम विश्लेषण के हिसाब से वैक्सीन सुरक्षित पाई गई है. वैक्सीन का पहला चरण 375 लोगों पर किया गया था. केवल एक व्यक्ति में साइड इफेक्ट हुए लेकिन ये साइड इफेक्ट वैक्सीन की वजह से नहीं पाए गए.

    एक मरीज को 30 जुलाई को वैक्सीन लगाई गई थी. उसे 5 दिन बाद कोरोना संक्रमण हो गया. हालांकि 15 अगस्त को उसे अस्पताल में भर्ती किया गया और 22 अगस्त को उसे छुट्टी मिल गई. इस घटना को वैक्सीन से जोड़ कर नहीं देखा जा रहा है. हालांकि वैक्सीन लगाने के बाद इंजेक्शन वाली जगह पर कुछ लोगों को थोड़ा दर्द हुआ था जो कुछ वक्त के बाद अपने आप ठीक हो गया. वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री सेल्सियस पर स्टोर किया गया और वैक्सीन की क्‍वालिटी बरकरार रही. यानी इसे घर में मौजूद साधारण फ्रीजर में भी स्टोर किया जा सकता है.

    375 लोगों से 300 को वैक्सीन लगाई गई थी जबकि 75 वालंटियर को साधारण इंजेक्शन दिया गया. जिसे मेडिकल भाषा में प्लेसिबो कहा जाता है. हालांकि वॉलंटियरस को ये नहीं बताया गया कि किसे वैक्सीन लगी है और किसे साधारण दवा. पोर्टल ‘मेडआरएक्सआईवी’ पर उपलब्ध कराए गए नतीजों के मुताबिक टीका ने एंटीबॉडी तैयार करने का काम किया. विषय के विशेषज्ञों द्वारा औपचारिक रूप से अनुसंधान रिपोर्ट का मूल्यांकन करने के पहले इसे सार्वजनिक तौर पर ‘मेडआरएक्सआईवी’ पोर्टल पर डाला गया.

    निष्कर्ष के मुताबिक गंभीर असर की एक घटना सामने आयी, जिसका टीकाकरण से कोई जुड़ाव नहीं पाया गया. कोवैक्सीन (बीबीवी152) की सुरक्षा और प्रभाव के आकलन के लिए पहले चरण का क्लीनिकल परीक्षण किया गया. ‘‘निष्क्रिय सार्स कोव-2 टीका बीबीवी152 का क्लीनिकल परीक्षण और सुरक्षा (चरण एक)’’ के मुताबिक पहले टीकाकरण के बाद कुछ प्रतिभागियों में हल्के या मध्यम किस्म का असर दिखा और तुरंत यह ठीक भी हो गया. इसके लिए किसी तरह की दवा देने की जरूरत नहीं पड़ी. दूसरी खुराक के बाद भी यही रुझान देखने को मिला. कोवैक्सीन के रिसर्चर इस आकलन को लैंसेट जर्नल में भी प्रकाशन के लिए भेजने की तैयारी कर रहे हैं.

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