इंदौर। आजादी (Independence) के 76 साल बाद भी सांवेर विधानसभा (Sanwer assembly) के कुछ गांव ऐसे हैं, जहां के लोगों को अभी तक सडक़ नसीब नहीं हुई है। इसको लेकर कई बार आंदोलन (Agitation) भी किए गए, लेकिन जिम्मेदारों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। अब एक बार फिर कांग्रेसी और गांव के लोग इस मामले में आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं।
सांवेर विधानसभा (Sanwer assembly) के अंतर्गत आने वाले बुढ़ी बरलाई से पुवाड़ला (Budhi Barlai to Puwadla) तक की सडक़ की हालत इतनी जर्जर है कि यहां से वाहन ठीक तरह से नहीं निकल पाते हैं।इसके आगे मकोडिय़ा, मच्छूखेड़ी और जामोदी तक की सडक़ की हालत भी अत्यंत जर्जर है। सांवेर जनपद पंचायत (Sanwer Janpad Panchayat) के पूर्व सदस्य हंसराज मंडलोई (Hansraj Mandloi) ने बताया कि आजादी के बाद आज तक यहां पूरी सडक़ नहीं बन पाई। रास्ते में कहीं गढ्ढे है तो कहीं सडक़ खराब हो गई है।
यहीं मार्ग आगे जाकर सांवेर से उज्जैन मार्ग (Sanwer to Ujjain route) को जोड़ता है। सैकड़ों ग्रामीण (hundreds of villagers) इस सडक़ से आना-जाना करते हैं, लेकिन सडक़ की हालत जर्जर होने के कारण वाहन खराब तो हो ही रहे हैं वहीं दुर्घटना का भय भी बना रहता है। इसके साथ ही कभी किसी गर्भवती महिला को डिलीवरी के लिए सांवेर या उज्जैन ले जाना हो तो मुश्किल हो जाता है। कई बार तो महिलाओं की डिलीवरी रास्ते में होजाती है और बच्चे की जिंदगी का खतरा बन जाता है।
मंडलोई (Mandloi) का कहना है कि रात में तो इस मार्ग से निकलना ही मुश्किल होता है। मंत्री सिलावट के विधानसभा क्षेत्र में आने वाली इस सडक़ को लेकर कई बार क्षेत्र के लोगों द्वारा आंदोलन भी किए जा चुक हैं, लेकिन अभी तक किसी भी जनप्रतिनिधि ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। ग्रामीणों का कहना है कि सिलावट को इस क्षेत्र से बंपर वोट मिलते रहे हैं। चाहे वे कांगे्रस में रहे या भाजपा में, लेकिन वे सिर्फ सडक़ बनाने का आश्वासन ही देते रहे। ग्रामीणों ने अब इस मामले में एक बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved