शिमला । हिमाचल प्रदेश (Himachal pradesh) में कोविड-19 मामलों में वृद्धि (Rise in Covid-19 cases) के साथ, शुक्रवार को एक प्रमुख फसल त्योहार मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के अवसर पर श्रद्धालुओं (Pilgrims) को नदियों में स्नान (Ritual Bath) पर रोक लगा दी गई (Banned) । अधिकारियों ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए राज्य की राजधानी से 55 किलोमीटर दूर तत्तापानी और कुल्लू जिले के एक सिख धर्मस्थल मणिकरण में क्रमश: सतलुज और पार्वती नदियों में स्नान करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
हर साल, बड़ी संख्या में भक्त त्योहार मनाने के लिए तत्तापानी और मणिकरण में पवित्र डुबकी लगाते हैं, जो उच्च सल्फर सांद्रता वाले गर्म पानी के झरनों के लिए जाना जाता है।एक अधिकारी ने बताया कि इस अवसर पर सामुदायिक रसोई के आयोजन पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
तत्तापानी में सतलुज के साथ नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) द्वारा निष्पादित 800 मेगावाट कोल्डम पनबिजली परियोजना के निर्माण के बाद गायब हुए प्राकृतिक और प्रमुख गर्म झरनों को बहाल कर दिया गया है। इसके जलाशय ने गर्म झरनों को जलमग्न कर दिया था।
आम तौर पर, तत्तापानी में 25,000 से अधिक भक्त मकर संक्रांति पर प्राकृतिक गर्म पानी के झरनों पर पवित्र स्नान के दौरान प्रार्थना करते हैं।लोकप्रिय पर्यटन स्थल मनाली के बाहरी इलाके में स्थित ऐतिहासिक वशिष्ठ मंदिर में भी श्रद्धालु नहीं दिखे। मंदिर ब्यास नदी के बाएं किनारे पर स्थित है, जो अपने गर्म झरनों के लिए भी जाना जाता है।मकर संक्रांति देश के विभिन्न हिस्सों में मनाया जाने वाला एक प्रमुख फसल उत्सव है।
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