इंदौर। ग्राम पंचायत रंगवासा के तत्कालीन सरपंच व सचिव ने वर्ष 2018 से 2020 तक में अधिकार नहीं होने के बाद 59 पट्टे बांट दिए। भू-अधिकार प्रमाण-पत्र और वारिसान प्रमाण पत्र भी जारी कर दिए, जबकि 2018 में जारी भू राजस्व संहिता के अनुसार पट्टे बांटने का अधिकार सिर्फ तहसीलदार को है।
सरपंच और सचिव ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े-बड़े खेल खेल रहे हैं। अपनों को फायदा पहुंचाने के लिए बाले-बाले पट्ेट बांट रहे हैं। 2018 में भू-राजस्व संहिता जारी होने के बाद से ही पट्टे बांटने का अधिकार सरपंच व सचिव से लेकर तहसीलदारों को दिए गए हैं। उसके बावजूद भी तत्कालीन सरपंच और सचिव ने 59 पट्टे जारी कर दिए। एसडीएम राऊ राकेश परमार ने बताया कि हल्का पटवारी और अतिरिक्त तहसीलदार द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार रंगवासा के पूर्व सचिव व सरपंच को सूचना पत्र जारी किया गया था, जिसके जवाब में उन्होंने बताया कि प्रकरण में उल्लेखित एक पट्टा जिस पर उनके हस्ताक्षर है। 2016 में ही जारी किया गया था और उक्त पट्टा जारी करने का आदेश उन्हें शासन से प्राप्त हुआ था। संतोषीबाई पति रामसिंह ने प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण के लिए शिकायत की थी, जिसके आधार पर सरपंच सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर के द्वारा वर्ष 2016 में पट्टा जारी किया गया। उक्त पट्टा शासकीय नाले पर होने के कारण सरपंच, सचिव व समन्वयक अधिकारी ने जून महीने में शिकायत के बाद जांच की और पंचनामा बनाकर आठ पट्टे निरस्त कर दिए।
ले आए ठहराव प्रस्ताव
मामले की शिकायत के बाद सरपंच और सचिव ने जांच करते हूुए ग्रामसभा में पुरानी तारीख में ठहराव प्रस्ताव पारित करवा लिया और प्रस्ताव क्रमांक 08/2021, 28.10.2021 को पूर्व में जारी सभी 59 पट्टे निरस्त कर दिए। एसडीएम परमार के अनुसार सरपंच एवं सचिव ने भू-राजस्व संहिता में सन 2018 में लागू हुए संशोधन के बाद उक्त पट्टे जारी किए, जो स्पष्ट रूप से उनके अधिकार क्षेत्र के बाहर है। शिकायत के बाद कार्रवाई से बचने के लिए उक्त सचिव द्वारा निरस्त किया गया है। शासन के नियमों के विरुद्ध ठअपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर किए गए इस काम के कारण दोनों के विरुद्ध नियमानुसार दंडात्मक व अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved