नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को फिलहाल गुजरात हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली है. गुजरात हाई कोर्ट ने उनकी याचिका पर अंतरिम संरक्षण देने से इनकार किया है. हालांकि उनकी दोषसिद्धि के खिलाफ और जेल की सजा के खिलाफ लगी याचिका पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है.
राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने उनके लिए अंतरिम संरक्षण की मांग की थी, इस पर जस्टिस हेमंत प्रच्छक ने किसी तरह की अंतरिम सुरक्षा देने से इनकार किया है. राहुल गांधी की याचिका पर फैसला हाई कोर्ट के वेकेशन के बाद सुनाया जाएगा.
शिकायतकर्ता पुरुणेश मोदी की ओर से वरिष्ठ वकील एडवोकेट निरुपम नानवती के पक्ष को सुनने के बाद सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने बेंच के सामने उनके सभी आरोपों को खारिज किया और कहा कि जो आरोप लगाए जा रहे हैं वह कहीं से भी नैतिक अधमता के एलीमेंट नहीं है. सिंघवी ने कहा कि वह एक गैर गंभीर और जमानती अपराध था जिसमें दोषसिद्धि को सस्पेंड किया जाना चाहिए.
राहुल गांधी ने हाई कोर्ट में अपने मानहानि मामले में कनविक्शन और सजा के खिलाफ याचिका दायर की थी. राहुल गांधी ने 2019 में लोकसभा चुनावों के दौरान मोदी सरनेम पर एक बयान दिया था. राहुल ने कहा था कि ‘सभी चोरों के सरनेम मोदी क्यों होते हैं.’ इस बयान पर उन्हें मजिस्ट्रेट अदालत ने दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी.
राहुल गांधी ने इसके बाद सूरत के सेशन कोर्ट का रुख किया था. हालांकि यहां पर भी राहुल गांधी को निराशा ही हाथ लगी. सेशन कोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका को खारिज कर दिया था और निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था. इसी के बाद राहुल गांधी ने गुजरात हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी.
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