नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) गणना में त्रुटियों के सुधार के लिए भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया सहित अन्य दूरसंचार कंपनियों की याचिका को खारिज कर दिया है। इससे पहले दूरसंचार क्षेत्र की निगरानी संस्था ‘टेलीकॉम वाचडॉग’ ने सरकार से कर्जग्रस्त वोडाफोन आइडिया की 8,292 करोड़ रुपये की बकाया राशि के भुगतान के लिए और समय देने के अनुरोध को खारिज करने की मांग की थी।
ऐसे में वोडाफोन आइडिया और एयरटेल को दोहरा झटका लगा है। इस महीने की शुरुआत में संस्था ने दूरसंचार मंत्री को लिखे एक पत्र में कहा था कि कंपनी अपने शेयरों की बिक्री या प्रवर्तकों के पूंजी निवेश के जरिए अपनी बकाया राशि का भुगतान कर सकती हैं।
गौरतलब है कि वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने अप्रैल 2022 में देय 8,200 करोड़ रुपये से ज्यादा की स्पेक्ट्रम किश्त के भुगतान के लिए सरकार से एक साल की रियायत मांगी है। इसके अलावा एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने सुप्रीम कोर्ट में एजीआर की गणना में त्रुटियों को लेकर याचिका दायर की थी।
Supreme Court dismisses all the applications filed by Bharti Airtel and Vodafone Idea seeking a direction for correction of errors in AGR (Adjusted Gross Revenue) calculation. pic.twitter.com/1sLORvvka1
— ANI (@ANI) July 23, 2021
वोडाफोन आइडिया ने 25 जून, 2021 को दूरसंचार सचिव को एक पत्र लिखकर कहा था कि वह समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) की बकाया राशि के भुगतान में नकदी का इस्तेमाल होने और काफी सस्ती कीमतों की स्थिति में जरूरी नकदी का सृजन करने में अपने परिचालन के नाकाम होने” की वजह से “नौ अप्रैल, 2021 को देय 8,292 करोड़ रुपए की किश्त का भुगतान नहीं कर पाएगी।
टेलीकॉम वाचडॉग ने तीन जुलाई को लिखे अपने पत्र में आरोप लगाया कि कंपनी के इस दावे में कोई सच्चाई नहीं है कि कम शुल्कों की वजह से भारत में निवेश नहीं आ रहा और ये सरकारी बकाया राशि की अगली किश्त के भुगतान से बचने के लिए कंपनी द्वारा गलत इरादे से किए गए फर्जी दावे हैं।
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