नई दिल्ली। देश के दो सबसे बड़े बिजनेस समूह रिलायंस और अदाणी ने एक समझौता किया है। इसके तहत इनके कर्मचारियों को एक-दूसरे के यहां नौकरी नहीं मिलेगी। इस समझौते का नाम ‘नो-पोचिंग एग्रीमेंट’ है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये समझौता इस साल मई में लाया जा चुका है और इन दोनों समूहों के सभी बिजनेस में लागू होगा। दोनों समूहों में कंपीटिशन बढ़ता हुआ साफ नजर आ रहा है। क्योंकि अदाणी समूह का कारोबार तेजी से आगे बढ़ रहा है जबकि रिलायंस समूह पहले से ही बड़ा नाम है।
दोनों समूहों के बीच इस समझौते की खबर ऐसे समय में आई है जब पिछले साल अदाणी समूह ने पेट्रोकेमिकल्स के क्षेत्र में कदम रखा है। पेट्रोकेमिकल्स सेक्टर में रिलायंस का पहले से ही बिजनेस है, लेकिन अदाणी पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड ने भी इस सेक्टर में प्रवेश कर दिया।
पेट्रोकेमिकल्स के अलावा 5जी स्पेक्ट्रम को लेकर दोनों अरबपतियों की कंपनी के बीच कंपीटिशन है। हाई-स्पीड डेटा सेक्टर में अदाणी ने 5जी स्पेक्ट्रम की बोली लगाई है। जबकि इस बिजनेस में भी रिलायंस पहले से ही देश की दिग्गज कंपनी है।
मुकेश अंबानी की कंपनियों में 3 लाख 80 हजार से ज्यादा कर्मचारी हैं, जबकि अदाणी की कंपनियों में 23 हजार कर्मचारी काम कर रहे हैं। मई से लागू हुए इस समझौते के बाद अब इन दोनों कंपनियों के कर्मचारी एक दूसरे के यहां काम नहीं कर पाएंगे।
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