इंदौर। आखिरकार लंबे समय बाद स्कूलों(School) में ऑफलाइन कक्षाएं (offline Class) प्रारंभ हुइंर्। सोमवार(monday)को कक्षा 12वीं के छात्र (Student) स्कूल पहुंचे तो आज कक्षा 11वीं के छात्रों (Student) की कक्षा लग रही है। पहले दिन सोमवार को सरकारी स्कूलों (Government school) में निजी स्कूलों की अपेक्षा काफी अच्छी उपस्थिति रही। लगभग 25 प्रतिशत छात्रों की उपस्थिति दर्ज हुई। कई छात्रों को इसलिए वापस भेज दिया गया, क्योंकि वे पालकों का सहमति पत्र लेकर नहीं आए थे।
12वीं की कक्षा सोमवार के अलावा गुरुवार को भी लगेगी। 11वीं की कक्षा मंगलवार और शुक्रवार को संचालित होगी। वहीं 5 अगस्त से 9वीं और 10वीं की कक्षाएं सप्ताह में एक दिन बुधवार और शनिवार को लगेंगी। सोमवार को पहले दिन 12वीं की कक्षा से स्कूल (School) शुरू हुए, लेकिन उपस्थिति बहुत कम नजर आई। स्कूलों में जो बच्चे नहीं आए उन्हें मैसेज भेजना और फोन लगाना भी शुरू कर दिए। स्कूल में बैठकर पढ़ने के बाद बच्चों ने सुखद अनुभव बताया। बच्चों ने कहा कि ऑफलाइन कक्षाओं (Offline Class) में ही अच्छा समझ आता है।
दो दिन कक्षा लगाने से कोर्स कैसे होगा पूरा
आखिरकार स्कूल खुले, लेकिन सप्ताह में दो ही दिन बच्चों को आने की अनुमति मिली है। ऐसे में अब स्कूल संचालकों और शिक्षकों के सामने बच्चों का कोर्स पूरा कराने की चुनौती है। सालभर पढ़ाने के बाद भी कई बार कोर्स पूरा नहीं हो पाता था, उसके लिए एक्स्ट्रा क्लास लगानी पड़ती थी, लेकिन अब सप्ताह में दो दिन पढ़ाने से कैसे कोर्स पूरा होगा।
70 प्रतिशत ने ले लिया निजी स्कूलों में एडमिशन
शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत पात्र बच्चों को निजी विद्यालयों में नि:शुल्क प्रवेश के लिए अंतिम तिथि 28 जुलाई तक बढ़ाई गई है। पूर्व में यह तारीख 26 जुलाई निर्धारित थी। इस कारण सोमवार को निजी स्कूलों में एडमिशन कराने के लिए कई पालक पहुंचे। रविवार तक जहां पचास प्रतिशत ने भी एडमिनश नहीं कराया था, एक दिन में यह आंकड़ा 70 प्रतिशत तक पहुंच गया। अब आज और कल भी एडमिशन की प्रक्रिया की जा सकेगी।
राज्य शिक्षा केंद्र ने मौसम की विपरीत परिस्थितियों और पात्र बच्चों के हित को ध्यान में रखते हुए विद्यालय में प्रवेश लेने की अंतिम तिथि को 2 दिन बढ़ाया है। आवंटन पश्चात संबंधित बच्चे द्वारा आवंटित स्कूल में नि:शुल्क प्रवेश के लिए उपस्थित होने के साथ ही अशासकीय स्कूल द्वारा मोबाइल ऐप के माध्यम से बच्चे की फोटो लेकर नि:शुल्क प्रवेश दर्ज कराना सुनिश्चित कराना होगा। इसके साथ ही यदि किसी अशासकीय स्कूल द्वारा वर्तमान में स्कूल का संचालन बंद कर दिया गया है या कोई अल्पसंख्यक स्कूल किसी बच्चे को आवंटित हुआ है तो ऐसे स्कूलों की जानकारी आज शाम 5 बजे तक राज्य शिक्षा केन्द्र को उपलब्ध कराना होगी। जिससे ऐसे बच्चों को दूसरे चरण की लॉटरी प्रक्रिया में अन्य स्कूल को चुनने का अवसर उपलब्ध कराया जा सके। इंदौर जिले में 6708 बच्चों की लॉटरी पहले चरण में खुली है, जबकि 10800 बच्चे दस्तावेज सत्यापन के बाद पात्र थे।
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