सतना. द्वारिका पीठ (Dwarika Peeth) के शंकराचार्य (Shankaracharya) स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद (Avimukteshwarananda) सरस्वती ने सतना जिले के दो दिवसीय प्रवास के दौरान मास्टर प्लान में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में गौ रक्षा (cow protector), वक्फ बिल (Wakf Bill), मुक्त गंगा और हिंदू राष्ट्र जैसे संवेदनशील मुद्दों पर बेबाकी से अपनी बात रखी. उन्होंने मौजूदा सरकार और सभी राजनीतिक दलों पर गौ रक्षा के प्रति उदासीनता का आरोप लगाते हुए कहा कि देश में कोई भी दल गौ माता की रक्षा के लिए गंभीर नहीं है.
शंकराचार्य ने कहा, “हमें राजनीति नहीं करनी, बल्कि भारतीय राजनीति को भारतीय संस्कृति के अनुरूप परिष्कृत करना है. जब-जब राजनीति संस्कृति से विमुख हुई, साधु-संतों ने इसे दिशा दी है.”
उन्होंने पूरे देश में ‘गौ संसद’ बनाने की बात कही, जिसमें गौ विधायक, गौ मेयर और गौ पार्षद जैसे जनप्रतिनिधि होंगे, जो संसद में गौ हत्या के खिलाफ सख्त कानून लागू करवाएंगे.
अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने दावा किया कि सभी राजनीतिक दलों से गौ रक्षा पर जवाब मांगा, लेकिन सत्ताधारी पार्टी ने तो उनके प्रतिनिधिमंडल को कार्यालय में प्रवेश तक नहीं करने दिया.
वक्फ (संशोधन) बिल पर बोलते हुए शंकराचार्य ने कहा, “वक्फ बिल मुसलमानों के लिए सौगात-ए-मोदी है. अभी तक न तो कोई वक्फ संपत्ति सरकारी हुई है और न ही हिंदुओं के पास आई.” उन्होंने इसे सरकार का जुमला करार दिया.
हिंदू राष्ट्र के मुद्दे पर शंकराचार्य ने कहा, “भारत हमेशा से हिंदू राष्ट्र रहा है और बहुमत में हिंदू हैं, लेकिन संवैधानिक रूप से इसे घोषित करने के नाम पर सरकार हिंदुओं के साथ छल कर रही है. हर हिंदू को कट्टर होना पड़ेगा, तभी देश हिंदू राष्ट्र बनेगा और गौ हत्या बंद होगी.”
शंकराचार्य ने गंगा को बांधने और समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से हटाने जैसे मुद्दों को भी भारतीय संस्कृति के खिलाफ बताया. उन्होंने कहा, “हमारे पूर्वजों ने कभी गंगा का रास्ता नहीं रोका, लेकिन अब ऐसा हो रहा है. समलैंगिकता और वैवाहिक बेवफाई को अपराध से हटाना संस्कृति के विरुद्ध है.”
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