नई दिल्ली। महंगाई (Dearness) के इस दौर में लोग पैसा बचाने में जद्दोजहद कर रहे हैं, तो वहीं देश के बैंको में अरबों रुपए की धनराशि ऐसी पड़ी है, जिसका कोई मालिक ही नहीं है। अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने ऐसी ‘Unclaimed Money’ को उनके सही वारिसों तक पहुंचाने के लिए अभियान (Rbi Campaign) शुरू करने की घोषणा की है। बैंक के मुताबिक देश के 8 ऐसे राज्य हैं, जहां पर इस तरह की रकम सबसे ज्यादा बैंकों में भरी पड़ी है।
आपको बता दें कि रिजर्व बैंक की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2020-21 में बैंकों में मौजूद ‘Unclaimed Money’ यह राशि 39,264 करोड़ रुपये थी। वहीं वित्त वर्ष 2021-22 में बैंकों में बिना दावे वाली राशि बढ़कर 48,262 करोड़ रुपये पर पहुंच गई. ऐसे में बिना दावे वाली जमा राशि के असली दावेदारों की तलाश के लिए एक राष्ट्रीय अभियान शुरू किया गया है।
.@RBI कहता है…
अपने बैंक खाते को निष्क्रिय होने से बचाने के लिए उसे नियमित रूप से संचालित करें। यदि खाता निष्क्रिय हो जाता है तो अपने बैंक से संपर्क करें और राशि का दावा करें। ज़रूरत न हो तो खाता बंद कर दें।#rbikehtahai #beaware #bankaccounts
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— RBI Says (@RBIsays) July 6, 2022
वहीं केंद्रीय बैंक के नियमों के मुताबिक ऐसे बचत/चालू खाते जिनमें 10 साल तक लगातार किसी प्रकार का लेनदेन नहीं हुआ है या ऐसा फिक्स डिपॉजिट, जिसके मैच्योर होने के 10 साल बाद भी कोई कोई दावा नहीं किया गया है, उसे ‘Unclaimed Money’माना जाता है।
RBI के अनुसार, भले ही इस धनराशि का कोई दावेदार (Unclaimed Money) न हो, लेकिन इसके बावजूद उस पर ब्याज बनता रहता है। ऐसे में कोई व्यक्ति चाहे तो संबंध बैंक में जाकर उस खाते को दोबारा से ओपन करवाकर ब्याज समेत वह धनराशि निकाल सकता है। बैंक प्रशासन का कहना है कि लगातार कई जागरूकता अभियानों के बावजूद बिना दावे वाले इस धनराशि के असली मालिक सामने नहीं आ रहे हैं, जिससे इसकी मात्रा हर साल बढ़ती जा रही है।
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