भोपाल। प्रदेश सरकार की लगातार मांग के बाद भी केंद्र सरकार ने अभी तक न तो मप्र के हिस्से की बकाया राशि दी है और न ही अतिरिक्त लोन की पात्रता दी है। वित्त मंत्रियों की दिल्ली में हुई बैठक में मप्र के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कोविड की स्थिति को देखते हुए 1.5 प्रतिशत अतिरिक्त ऋण बिना शर्त देने की मांग की। साथ ही एक वर्ष में सभी लंबित देयकों का भुगतान कराने का आग्रह किया। जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार ने मप्र को अभी तक 1.50 प्रतिशत अतिरिक्त लोन लेने की पात्रता नहीं दी है। इससे करीब 10 हजार करोड़ का अतिरिक्त लोन और मिल सकता था। केंद्र ने जीएसडीपी का 4.50 प्रतिशत ही लोन की पात्रता निर्धारित कर रखी है। इससे सरकार करीब 42 हजार करोड़ तक का लोन बाजार से उठा सकेगी उधर, केंद्र से अभी भी बाढ़ आपदा की राशि 2,043 करोड़ तथा खाद्यान्न उपार्जन की प्रतिपूर्ति के रूप में 16,670 करोड़ रुपए की राशि नहीं मिली है।
सीएम कई बार कर चुके हैं मांग
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 24 मई 2021 को पीएम को एक पत्र लिखते हुए वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए जीएसडीपी के 5.50 प्रतिशत की ऋण सीमा तय करने का आग्रह किया था। इसके जवाब में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखते हुए कहा था कि मप्र सहित अन्य राज्यों की सामान्य निवल ऋण सीमा जीएसडीपी के 4 प्रतिशत पर निर्धारित की गई है। इससे राज्यों को मौजूदा वित्तीय संकट से निपटने के लिए अतिरिक्त संसाधन मिलेंगे। इसके अलावा राज्य विद्युत क्षेत्र में कुछ मानदंडों के आधार पर जीएसडीपी के 0.50 प्रतिशत तक का अतिरिक्त ऋण लेने के लिए भी पात्र हैं। इस तरह वर्ष 2021- 22 के लिए राज्य जीएसडीपी का 4.50 प्रतिशत तक का ऋण लेने के लिए पात्र है। यानि मध्यप्रदेश सरकार की डिमांड को न मानते हुए केंद्र सरकार ने विद्युत क्षेत्र में 0.50 प्रतिशत अतिरिक्त ऋण लेने की छूट दी, लेकिन 5.50 प्रतिशत कर्ज लेने की पात्रता निर्धारित नहीं की।
केवल 1600 करोड़ ही मिल सके
केंद्र से मप्र सरकार को वर्ष 2020-21 में जीएसटी की कमी को पूरा करने के लिए बैक टू बैक ऋण के रूप में 4,542 करोड़ रु.की राशि जारी की गई थी और वर्ष 2021-22 के लिए 7,011 करोड़ देने का आश्वासन दिया था, लेकिन यह पूरी राशि अभी तक नहीं मिल सकी। केवल 1600 करोड़ रुपए ही मिल सके। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा का कहना है कि केंद्र सरकार से हमने मप्र को बाढ़ आपदा सहित खाद्यान्न के उपार्जन की प्रतिपूर्ति राशि देने की डिमांड की है। केंद्र से मप्र को बकाया राशि जल्द मिलने की उम्मीद है। हमने अपनी बात केंद्र के सामने रख दी है।
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