उज्जैन। उज्जैन के रेलवे स्टेशन पर कुल्हड़ के उपयोग की योजना फेल हो रही है। इसके पीछे कारण कुल्हड़ की आपूर्ति नहीं होना है। जानकारी मिली है कि स्टेशन पर आने वाले यात्रियों को चाय तक नहीं मिल रही है। हालांकि कुछ एक दुकानदारों द्वारा दबे छुपे डिस्पोजल का उपयोग करते हुए चाय बेचने का सिलसिला भी जारी है। रेल प्रशासन के अधिकारियों का यह कहना है कि इस मामले यात्रियों के साथ ही दुकान संचालकों को जागरूक तो किया ही जाएगा वहीं दुकानों की चेकिंग भी की जाएगी। कुछ दिन पहले रेल प्रशासन ने यह दावा किया था कि स्टेशन पर यात्रियों को कुल्हड़ में ही चाय बेची जाएगी वहीं डिस्पोजल का उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाएगा लेकिन स्टेशन पर संचालित होने वाली कतिपय दुकानदारों द्वारा प्रतिबंधित डिस्पोजल का उपयोग किया जा रहा है। वहीं रेल प्रशासन के जिम्मेदार भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे है। गौरतलब है कि 1 जुलाई से पॉलीथिन के साथ ही सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है और इसके चलते ही स्टॉल संचालकों ने कुल्हड़ की मांग भी की थी लेकिन बताया गया है कि दुकानदारों को बाजार से कुल्हड़ की आपूर्ति नहीं हो रही है। ऐसी स्थिति में या तो स्टॉलों पर चाय ही नहीं मिल रही है या फिर दबे छुपे डिस्पोजल का उपयोग करने का सिलसिला जारी है।
6 रूपए में कुल्हड़ और चाय 5 की
स्टॉल संचालकों का यह कहना है कि बाजार से कुल्हड़ 6 रूपए का मिलता है। चुंकि यात्रियों के हिसाब से ही कुल्हड़ खरीदना होगा इसलिए इतना महंगा कुल्हड़ कैसे खरीदे जबकि सामान्य चाय के भाव लगभग पांच रूपए और टी बैग की चाय दस रूपए में बेची जाती है। ऐसे में पांच रुपए की चाय 6 रुपए के कुल्हड़ में वे कैसे बेचे। टी बैग वाली 10 रुपए की चाय ही उनको 9 रुपए में पड़ती है। इसके अलावा बाजार में इसकी मांग बढऩे और आपूर्ति कम होने से अब दर में भी बढ़ोतरी प्रतिदिन हो रही है। मानक स्तर के डिस्पोजल लंबाई में बड़े होते है, उसमे चाय 5 रुपए की तय मात्रा के अनुसार दे तो यात्री पूरा कप भरने को कह रहे है।
क्या कहते हैंं जिम्मेदार
स्टॉल संचालकों को कुल्हड़ का उपयोग करना जरूरी है। हम चेकिंग अभियान चलाएंगे। यदि कोई संचालक डिस्पोजल का उपयोग करते हुए पाया गया तो उससे जवाब भी मांगा जाएगा। कुल्हड़ की आपूर्ति कराने का प्रयास किया जा रहा है।
2 खेमराज मीणा, जनसंपर्क अधिकारी
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