गुना। मध्यप्रदेश के गुना जिले (Guna district of Madhya Pradesh) में कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर (deputy director of agriculture department) के द्वारा चाचौड़ा विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक प्रियंका मीणा (BJP MLA Priyanka Meena) के देवर अनिरुद्ध मीणा पर बंधक बनाने और 50 लाख रुपये की मांग करने का आरोप और एसपी को की गई लिखित शिकायत धीरे-धीरे तूल पकड़ रही है। वहीं, विधायक के देवर अनिरुद्ध मीणा उन पर लगे आरोपों को निराधार बता रहे हैं।
मामले व खाद की कालाबाजारी को लेकर गुना पहुंचे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का भी एक बयान सामने आया है, जिसमें वे खाद की कालाबाजारी करने वालों को दो टूक में नसीहत देते हुए नजर आ रहे हैं। पत्रकारों को दिए गए सवालों के जवाब के दौरान सिंधिया ने कहा, मुझे इसकी सूचना मिली है, मैंने पेपरों में भी पढ़ा है। मैंने स्पष्ट कहा है कि गुना-शिवपुरी और अशोकनगर में चाहे आपका हो चाहे मेरा कोई रिश्तेदार हो, या अन्य कोई सहयोगी हो, या कोई पार्टनर हो या कोई न जानते हुए भी मेरा कनेक्शन हो, जिसका भी व्यक्ति हो किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा। सही, सही है और गलत गलत है।
सिंधिया ने कहा, खाद के मामले में भी मैंने स्पष्ट निर्देश दे दिए थे कि समिति के द्वारा ही इसका वितरण होना चाहिए। नहीं तो इसकी भी कालाबाजारी की रिपोर्ट्स मुझे आ रही थी। सब पर अंकुश लगाया जाएगा। मैंने जो चुनाव में कहा है, किसी तरीके का भी माफिया अगर मेरे क्षेत्र में है और मैं उसको माफिया का नाम ही दूंगा कि अगर आप मेरे अन्नदाता का खाद लोगे और उस पर व्यापार करोगे और ब्लैक में बेचोगे तो आप भी माफिया ही हो उससे कम नहीं हो किसी को बख्शा नहीं जाएगा।
गौरतलब है कि सिंध्या के द्वारा मीडिया को दिए गए इस तरह के बयान के कई मतलब निकलकर सामने आ रहे हैं। लेकिन सिंध्या ने इस पर खुले तौर पर किसी का नाम नहीं लिया। ऐसे में हर कोई यह सोच रहा है कि आखिर सिंधिया का निशाना और इशारा किसकी तरफ है। मामले को लेकर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एक्स पर सीएम मोहन यादव से सवाल किए।
दिग्विजय ने लिखा, क्या मोहन यादव जी @CMMadhyaPradesh व मुख्य सचिव महोदया जी आप अपने अधिकारियों का संरक्षण करेंगे या ऐसे ही पिटने देंगे? अभी तक DDA गुना उपाध्याय जी की शिकायत पर FIR दर्ज नहीं हुई, गिरफ़्तारी तो छोड़ दीजिए। अभी तक कांग्रेस का कोई कार्यकर्ता होता तो FIR दर्ज हो जाती गिरफ़्तारी हो जाती। यदि अल्पसंख्यक होता तो बुलडोजर से उसका घर गिरा दिया होता। इतना पक्षपात तो मुख्यमंत्री न करो।
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