पूर्वी लद्दाख में चीन से जारी सीमा विवाद और समय-समय पर पाकिस्तान की करतूतों के बीच भारतीय नौसेना की ताकत बुधवार को और बढ़ गई है। नौसेना को आज उसका नौवां पी-8आई सर्विलांस विमान मिल गया है। इससे पहले, भारत के पास आठ और पी-8आई सर्विलांस विमान मौजूद हैं और उसकी सेवाएं भी ले रहा है। भारतीय नौसेना ने हाल ही में लद्दाख में तनाव के चलते पी-8आई विमानों को सर्विलांस करने और पीएलए की जानकारी लेने के लिए सीमा पर लगाया था। इन नए पी-8आई विमानों को दुश्मन देश के बारे में जानने के लिए कई नई तकनीक और हथियारों से लैस किया गया है।
नौसेना को अपना यह नौवां विमान गोवा के हंसा नेवल बेस पर मिला और इसे यहीं तैनात किया जाएगा। बोइंग ने एक बयान जारी कर कहा, ”नौवां पी-8 आई चार अतिरिक्त विमानों के लिए एक ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट के तहत दिया जाने वाला पहला विमान है, जिसे भारतीय रक्षा मंत्रालय ने 2016 में ऑर्डर किया था। पी-8 आई विमानों के लिए भारतीय नौसेना पहली और सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय ग्राहक है। इसके साथ ही, हाल ही में इसने बेड़े में संचालन के सात साल भी पूरे कर लिए हैं।”
बोइंग कंपनी ने बयान में आगे कहा कि पी-8 आई, अपनी असाधारण समुद्री निगरानी और टोही क्षमताओं, बहुमुखी प्रतिभा के साथ भारतीय नौसेना के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति साबित हुई है। बयान में कहा गया है कि हम भारतीय रक्षा बलों के आधुनिकीकरण और मिशन की तत्परता का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस एयरक्राफ्ट को लंबी दूरी के पनडुब्बी रोधी युद्ध, सतह रोधी युद्ध के साथ-साथ खुफिया, निगरानी और टोही मिशन के लिए बनाया गया है।
भारतीय सेना ने 2017 के डोकलाम विवाद के दौरान भी इसका इस्तेमाल किया गया था। पी-8आई एयरक्राफ्ट की रेंज लगभग 2200 किमी है। साथ ही अधिकतम 490 समुद्री मील या 789 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। हाल ही में एक सरकारी अधिकारी ने कहा था कि छह और पी-8 आई विमानों की खरीद के लिए बातचीत शुरू होनी बाकी है। लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ गतिरोध से काफी पहले यानी नवंबर 2019 में रक्षा अधिग्रहण परिषद द्वारा छह पी-8आई की खरीद को मंजूरी दे दी गई थी।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved