नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर (Reserve Bank of India (RBI) Governor) संजय मल्होत्रा (Sanjay Malhotra) ने शनिवार को कहा कि अमेरिकी डॉलर (American dollar) के मुकाबले रुपये का मूल्य बाजार की ताकतें तय करती हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक रुपये के मूल्य में दिन-प्रतिदिन होने वाले उतार-चढ़ाव को लेकर चिंतित नहीं हैं।
आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने नई दिल्ली में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण रिजर्व के साथ 613वीं केंद्रीय बोर्ड की बैठक के समापन के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्रीय बैंक मध्यम से लंबी अवधि में रुपये के मूल्य पर ध्यान देता है। उन्होंने रुपये की विनिमय दर में गिरावट पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि आरबीआई के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है, यह किसी भी कीमत स्तर या दायरे को नहीं देखता है।
मल्होत्रा ने कहा कि हमारा प्रयास अत्यधिक अस्थिरता पर अंकुश लगाना है। हम रोजाना के उतार-चढ़ाव या विनिमय दर पर ध्यान नहीं देते। आरबीआई गवर्नर ने कीमत वृद्धि पर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट के प्रभाव पर कहा कि घरेलू मुद्रा के मूल्य में पांच फीसदी की कमी घरेलू मुद्रास्फीति को 0.30 से 0.35 फीसदी की सीमा तक प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि आरबीआई ने अगले वित्त वर्ष 2025-26 के लिए आर्थिक वृद्धि और महंगाई के अनुमानों पर काम करते समय मौजूदा रुपया-डॉलर दर को ध्यान में रखा है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भारतीय मुद्रा में ज्यादातर गिरावट वैश्विक मुद्दों और विशेष रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शुल्क संबंधी घोषणाओं की वजह से सामने आई अनिश्चितताओं के कारण है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि स्थिति सुधरेगी और इससे हमें मुद्रास्फीति को नीचे लाने में मदद मिलेगी। मल्होत्रा ने यह भी कहा कि आरबीआई बैंकों में पर्याप्त नकदी उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह से सजग है।
संयज मल्होत्रा ने क्रिप्टो-करेंसी के बारे में कहा कि क्रिप्टो परिसंपत्तियों से संबंधित मुद्दों को देखने के लिए सरकार ने एक कार्य समूह का गठन किया है। क्रिप्टो पर एक चर्चा पत्र भी जारी किया जाएगा। उन्होंने ने कहा, ‘‘नकदी को नियंत्रित करने और प्रबंधित करने के लिए हमारे पास कई साधन हैं और हम उनका उपयोग करेंगे। हमारे पास खुले बाजार में बॉन्ड की खरीद-बिक्री (ओएमओ) है, हम पर्याप्त नकदी मुहैया करने के लिए इन उपायों का उपयोग कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया शुक्रवार को नौ पैसे चढ़कर अबतक के निचले स्तर से उबरते हुए 87.50 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ। रिजर्व बैंक के नीतिगत ब्याज दर रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती के बाद रुपये में सुधार आया है।
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