विदिशा: उत्तर प्रदेश के हाथरस में घटित हुए भीषण हादसे के बावजूद मध्य प्रदेश में सबक नहीं लिया गया है. एक दिन पहले जहां बागेश्वर धाम पर महंत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) जन्मदिन के अवसर पर श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा तो वहीं विदिशा में पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) की कथा सुनने के लिए भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ रहे हैं. विदिशा कथा पंडाल में स्थिति यह है कि यह पूरा कीचड़ से सना हुआ है, बावजूद श्रद्धालु गिरते-पड़ते हुए कथा स्थल तक पहुंच रहे हैं. इतना ही नहीं विदिशा में पंडाल को भी क्रेन का सहारा दिया गया है.
मालूम हो कि उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को भोले बाबा के सत्संग के बाद हुई भगदड़ के बाद 122 लोगों की मौत हो चुकी है. इस घटना के बाद रसिक संत प्रेमानंद महाराज ने अपनी पदयात्रा अनिश्चितकाल के लिए निरस्त कर दी है तो वहीं बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भी श्रद्धालुओं से 4 जुलाई को बागेश्वर धाम आने की मनाही की थी. हालांकि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की इस अपील का असर नहीं हुआ और तीन-चार गुना ज्यादा भीड़ बागेश्वर धाम पहुंची. श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़ की वजह से व्यवस्था संभालने में पुलिस प्रशासन को बड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ा.
इधर विदिशा में पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा का आयोजन हो रहा है. आयोजन खुले मैदान में हो रहा है. बारिश के दिनों में हो रहे इस आयोजन में व्यवस्था गड़बड़ा गई है. चारों तरफ कीचड़ ही कचड़ है. इस कीचड़ में ही श्रद्धालु गिरते-पड़ते हुए कथा सुनने के लिए पहुंच रहे हैं. हालांकि हाथरस की घटना के बाद कथा चौथे दिन स्थगित करने का निर्णय लिया था. हालांकि बाद कथा पूरे सात दिन के लिए तय की गई.
कथा विदिशा-सागर बायपास पर गिरधर कॉलोनी के खाली प्लॉट पर हो रही है. यहां 1 लाख वर्ग मीटर का पंडाल लगाया गया है. बारिश के मौसम में हवा आंधी का दौर भी जारी है, ऐसे में किसी प्रकार की अनहोनी न हो इसके लिए प्रशासन ने कथा स्थल पर लगे पंडाल को क्रैन का सहारा दिया है, ताकि तेज बारिश और हवा में पंडाल न उड़े और व्यवस्थाएं न चरमराए. विदिशा कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य के अनुसार पहले दिन से ही प्रशासन आयोजकों के साथ व्यवस्थाएं बनाने में जुटा हुआ है. बारिश के मौसम को देखते हुए पंडाल को क्रेन का सपोर्ट दिया गया है.
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