- इंपीरियल होटल के पास, कवेलू कारखाना और इंदौर रोड पर इंजीनियरिंग कालेज की जमीन पर प्रस्ताव है लेकिन तय कुछ नहीं
उज्जैन। विधानसभा चुनाव से पहले न मेडिकल कालेज बनेगा और न ही इस दिशा में कोई गंभीर शुरुआत होगी। ऐसे में मात्र हवा हवाई कार्यक्रम चल रहा है। अभी तक जमीन भी तय नहीं हुई है। उज्जैन में पिछले कई वर्षों से मेडिकल कॉलेज बनाने की मांग चल रही है और जनप्रतिनिधि भी लगातार इस काम में लगे हुए हैं। पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने कैबिनेट में उज्जैन में मेडिकल कॉलेज खोलने की सैद्धांतिक सहमति दे दी है लेकिन मेडिकल कॉलेज कहाँ खोला जाए इसके लिए अभी तक जमीन नहीं मिल पाई है। पहले इंपीरियल होटल के पास वाली जमीन पर मेडिकल कॉलेज बनाने की बात कही गई थी। जमीन देखी लेकिन बाद में मामला अधर में ही रह गया। कवेलू कारखाने के पास की जमीन भी देखी गई थी लेकिन सघन बस्ती होने के कारण यह मामला भी बन नहीं पाया।
अब इंजीनियरिंग कॉलेज की रिक्त जमीन पर मेडिकल कालेज बनाने की कवायद के लिए जमीन देखी जा रही है। शासकीय अधिकारी यहाँ जमीन आवंटन के लिए इंजीनियरिंग कॉलेज के अधिकारियों से चर्चा कर रहे हैं। यदि इंजीनियरिंग कॉलेज के अधिकारी भोपाल से जमीन देने की सहमति देते हैं तो इंजीनियरिंग कॉलेज की जमीन पर मेडिकल कॉलेज बन पाएगा। लगभग 300 करोड़ की लागत से यह मेडिकल कॉलेज बनेगा और इस मेडिकल कॉलेज को बनाने के पहले डीपीआर जो बनाई जानी है उसके लिए लोक निर्माण विभाग में 6 करोड़ का टेंडर निकाल दिया है। इस 6 करोड़ के टेंडर में संबंधित कंसलटेंट एजेंसी डीपीआर बनाएगी, साथ ही बिल्डिंग बनाने में सुपरविजन का काम भी करेगी तथा टीएनसी और अन्य स्थानों पर इस बिल्डिंग का नक्शा भी पास कराएगी। इन सब कामों के लिए 6 करोड़ का टेंडर निकाला जा चुका है। अब मेडिकल कॉलेज के लिए जमीन फाइनल होगी उसके बाद ही इसका निर्माण शुरू हो पाएगा।