नई दिल्ली /चंडीगढ़ । पूर्व केंद्रीय मंत्री और अकाली दल सांसद (Akali dal MP) हरसिमरत कौर बादल (Harsimrat Kaur Badal) ने एनडीए (NDA) में वापसी की संभावनाओं को पूरी तरह से नकारते हुए (No intention to return) पंजाब में (In Punjab) अकाली दल-बसपा गठबंधन (Akali-BSP coalition) सरकार (Government) बनने का दावा किया है।
हरसिमरत कौर बादल ने तीनों कृषि कानूनों की वापसी के बावजूद एनडीए में वापसी की संभावनाओं को पूरी तरह से नकारा है। उन्होंने कहा कि इन कृषि कानूनों को खत्म करने में सरकार ने एक साल लगा दिया और 800 किसानों को मरने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने कहा कि चुनाव में नुकसान के डर से सरकार ने एक साल बाद इन कानूनों को वापस लिया है।
अकाली नेताओं के भाजपा में शामिल होने के सवाल पर हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि भाजपा को पंजाब में 117 उम्मीदवार चाहिए , ऐसे में जिनको हम टिकट नहीं देंगे वो उधर जा सकते हैं और जाएंगे भी । उन्होंने कहा कि जिसको जाना है जाए, लेकिन चुनाव में इन सबकी जमानत जब्त हो जाएगी। उन्होंने दावा किया कि पंजाब में बहुमत के साथ अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी गठबंधन की सरकार 2022 विधान सभा चुनाव में बनने जा रही है।
भाजपा के नारे, सबका साथ- सबका विकास को जुमला बताते हुए अकाली सांसद ने एक बार फिर से पुराने दावे को दोहराते हुए कहा कि तीनों कृषि कानूनों को जबरदस्ती थोपने के विरोध में ही उन्होंने मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दिया था और अकाली दल ने एनडीए का साथ छोड़ा था।उन्होंने सरकार से इसी सत्र में एमएसपी गारंटी कानून लाने, किसान आंदोलन के दौरान मरे किसानों को श्रद्धांजलि और मुआवजा देने की मांग करते हुए कहा कि सरकार की वजह से पिछले एक साल में किसानों की हालत बहुत खराब हो गई है।उन्होंने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले का जिक्र करते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के अब तक मंत्री पद पर बने रहने को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा।
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