उज्जैन। शहर में पिछले दो सालों की तरह इस साल का नौतपा भी नहीं तपा। नौतपा का कल आखरी दिन था और गुुरुवार को भी तापमान 41 डिग्री तक ही पहुंच पाया। नौतपा में दिन का अधिकतम तापमान एक बार भी उच्चतम स्तर को छू भी नहीं पाया। ज्योतिष मान्यता को माने तो नौतपा में तेज गर्मी ना पडऩे से बारिश भी प्रभावित होती है। माना जाता है कि बारिश से पहले मई के आखरी सप्ताह से लेकर जून की शुरुआत तक नौतपा के बीच गर्मी अपने चरम पर होती है, लेकिन पिछले तीन सालों से लगातार ऐसा देखने को नहीं मिला है। इस बार 25 मई से शुरू हुआ नौतपा आज खत्म हो रहा है, लेकिन एक बार भी इसमें तेज गर्मी नहीं पड़ी है। उज्जैन में सर्वाधिक गर्मी 12 और 13 मई को रिकार्ड की गई थी, तब अधिकतम तापमान 44.4 डिग्री और 43.2 डिग्री पर था। यह इस साल का उज्जैन का सबसे ज्यादा तापमान रहा है। माना जा रहा था कि नौतपा के दौरान गर्मी 45 डिग्री के आगे पहुंचेगी, लेकिन नौतपा की शुरुआत से ही आसमान पर बादलों का कब्जा रहा और तापमान ज्यादातर दिनों में 41 डिग्री पर भी नहीं पहुंच पाया। कल भी सुबह से बादलों का डेरा रहा और दोपहर में गर्मी बढ़ी लेकिन शाम होते ही फिर हवाएँ चलने लगीं।
नौतपा में छह दिन तापमान सामान्य से भी कम रहा
मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक नौतपा के दौरान 25 मई से कल तक की बात करें तो इन नौन दिनों में से छह दिन तापमान 40 डिग्री पर भी नहीं पहुंच पाया और पारा सामान्य से भी नीचे बना रहा। इसमें 29 मई को तो तापमान 36.7 डिग्री तक पहुंचा जो सामान्य से 4 डिग्री कम था। वहीं इससे पहले 27 और 28 मई को भी तापमान सामान्य से 3 डिग्री नीचे रिकार्ड किया गया।
एक नजर नौतपा के दिनों पर
25 मई – 40 डिग्री
26 मई – 39.5 डिग्री
27 मई – 38 डिग्री
28 मई – 37.5 डिग्री
29 मई – 37 डिग्री
30 मई – 39.5 डिग्री
31 मई – 41 डिग्री
1 जून – 41.5 डिग्री
2 जून – 42 डिग्री
(जानकारी वेधशाला के मुताबिक)
गर्मी ना पडऩे पर बारिश भी कम होती है
ज्योतिष शास्त्र ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तीथी से सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता हैं। 8 जून तक सूर्य रोहिणी नक्षत्र में ही रहेगा। इस दौरान पहले आठ दिन नौतपा कहे जाते हैं और इसमें तेज गर्मी पड़ती है। अगर ऐसा नहीं होता है तो इससे आने वाले बारिश के मौसम में बारिश भी कम होती है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved