नई दिल्ली। भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। आज ही के दिन साल 1949 को भारत का संविधान तैयार हुआ था। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘देश का संविधान कभी खतरे में नहीं हो सकता। संविधान निर्माता आज भी मार्गदर्शन के रूप में है। देश में कोई भी सरकार आए, संविधान को खतरे में नहीं डाल सकती।’
ओम बिड़ला ने आगे कहा, इसी संविधान की वजह से हमारे 17 लोकसभा चुनाव में लगातार मतदाताओं के मतदान का प्रतिशत बढ़ा है, जो लोकतंत्र के प्रति विश्वास है। संविधान की मूल भूमिका ही सहज रूप से लोकतंत्र को मजबूत करने का काम करती है।
लोकसभा में संसद सत्र के दौरान समय समय पर हुए हंगामे पर भी ओम बिड़ला ने अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, ‘सदन गरिमापूर्ण तरीके से चलना चाहिए। हमें संतुलित तरीके से अपनी बात रखनी चाहिए और सभी मान्य सदस्यों का मर्यादित आचरण होना चाहिए।’
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि आजादी का 75वां साल उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। ये लोकतंत्र का उत्सव भी होगा और सरकार की तरफ से भी कई कार्यक्रम होंगे। तब तक देश की नई संसद का निर्माण भी हो जाएगा।
कोरोना महामारी पर लोकसभा अध्यक्ष ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, “महामारी के दौरान हमने संसद में कंट्रोल रूम बना रखे हैं। ताकि संकट के समय हम अपने सामाजिक दायित्वों को भी निभा सके। पहली बार लोकसभा और विधानमंडल में कंट्रोल रूम बनाया गया है। इसके अलावा कोरोना के विषय पर संसद में काफी चर्चा भी की गई है। मुझे आशा है आगे भी सभी सांसद अपने संवेधानिक दायित्वों को निभाएंगे।”
बता दें, भारत में दो साल 11 महीने और 18 दिन की लंबी मेहनत के बाद संविधान तैयार किया गया था। भारतीय संविधान देश के सभी नागरिकों को हर क्षेत्र में समानता का अधिकार देता है। साल 1950 में 26 जनवरी के दिन इसे लागू किया गया था।
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