उज्जैन। मध्य प्रदेश में कोरोना (Corona in Madhya Pradesh) के मामले कम होने के साथ ही इस महामारी की रोकथाम के लिए लागू प्रतिबंध भी हटा दिए गए हैं। इसी को देखते हुए महाकाल मंदिर (Mahakal Temple) में श्रद्धालुओं (pilgrims) के लिए लागू दर्शन व्यवस्था में फिर बदलाव किया गया है। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर (World famous Jyotirlinga Lord Mahakaleshwar) के वीआईपी (VIP) दर्शन करने के लिए लिए अब श्रद्धालुओं को शुल्क नहीं देना पड़ेगा।
यह निर्णय मंगलवार शाम को हुई महाकाल मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में लिया गया। महाशिवरात्रि से पहले कलेक्टर एवं समिति के अध्यक्ष आशीष सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में अन्य कई निर्णय लिए गए। प्रबंध समिति ने महाकाल दर्शन के लिए वीआईपी दर्शनार्थियों के लिए लागू किए गए 100 रुपये शुल्क को समाप्त कर दिया है। साथ ही वीआइपी प्रवेश के लिए कुछ शर्तें भी लागू की हैं। अब प्रोटोकाल के तहत आने वाले सदस्यों को सीमित संख्या में प्रवेश दिया जाएगा। संख्या कितनी रहेगी, यह तय किया जाएगा।
समिति प्रोटोकाल के लिए अधिकृत विभाग, संस्था तथा पार्टी संगठन के लिए सीट निर्धारित कर देगी, उस संस्था से निर्धारित संख्या में सदस्यों को प्रोटोकाल सुविधा प्रदान की जाएगी। शेष सदस्यों को पूर्व के अनुसार शुल्क चुकाना होगा अथवा वे अगले दिन निर्धारित कोटे में दर्शन कर सकेंगे। बैठक में आम भक्तों को सप्ताह के चार दिन गर्भगृह से दर्शन कराने पर भी सहमति बनी। शनिवार, रविवार व सोमवार को छोड़कर सप्ताह में चार दिन भीड़ की स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए आम भक्तों को गर्भगृह से दर्शन कराने का निर्णय लिया गया। भीड़ अधिक हुई तो गर्भगृह में प्रवेश पर रोक लगाई जाएगी। शनिवार, रविवार व सोमवार को दर्शनार्थी 1500 रुपये की रसीद कटाकर भीतर दर्शन कर सकेंगे।
इसके अलावा बैठक में प्रबंध समिति ने कर्मचारियों की वेतन वृद्धि के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। बैठक में प्रशासक गणेश कुमार धाकड़, उज्जैन विकास प्राधिकरण सीईओ सोजान सिंह रावत, महंत विनीत गिरीजी, समिति सदस्य आशीष पुजारी, विशेष आमंत्रित सदस्य पं.महेश पुजारी, पुजारी प्रदीप गुरु, पुरोहित समिति अध्यक्ष पं.अशोक शर्मा आदि मौजूद थे।
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