मंगलुरु: कर्नाटक में अब एक नया बवाल खड़ा हो गया है. मंगलुरु में चल रहे एक फेस्टिवल में स्टॉल लगाने आए एक मुस्लिम कारोबारी को कथित तौर पर घुसने नहीं दिया. यह फेस्टिवल ‘शास्ति उत्सव’ कोगाडू के गनिगोपाल स्थित हरिहर शुभ्रामनयेश्वरा मंदिर में आयोजित हो रहा है.
जानकारी मिली है कि भगवा पहने कुछ लोग अचानक से यहां पहुंच गए. उन्होंने सभी व्यापारियों की आईडी चेक करना शुरू दिया. तभी उन्होंने पाया कि एक मुस्लिम व्यापारी अपने दोस्त के पहचान पत्र पर यहां स्टॉल लगाने आया था. हिंदू कार्यकर्ताओं ने उसे अपना व्यापार नहीं करने दिया, जिस वजह से उसे लौटना पड़ा.
पुलिस का कहना है कि ना तो मंदिर के ट्रस्टी ने इस बारे में शिकायत की और ना ही किसी व्यापारी ने इस संबंध में शिकायत की है. हालांकि मंदिर ने हाल ही में यह स्पष्ट किया था कि फेस्टिवल में सभी धर्म के लोगों को आने की अनुमति है. मंगलुरु में इस तरह का यह कोई पहला मामला नहीं है. पहले भी कुछ फेस्टिवल में मुस्लिम व्यापारियों को रोकने की कोशिश की गई है.
मेले में नहीं लगाने दिया स्टॉल
इसी साल मार्च में मंगलुरु के बप्पानाडू श्री दुर्गापरमेश्वरी मंदिर में मेला लगाया गया था. इस मेले में कथित तौर पर प्रशासन ने मुस्लिम व्यापारियों को स्टॉल लगाने की अनुमति नहीं दी थी. जबकि मंदिर प्रशासन ने कहा था कि ट्रेडर्स खुद ही जगह छोड़कर चले गए. मंदिर के ट्रस्टी दुगन्ना सावंत ने दावा किया था मंदिर में सभी धर्म के लोगों का स्वागत है और यहां जाति या धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं होता है.
सावंत ने मीडिया से कहा था, ‘करीब 50 मुस्लिम लोगों को मंदिर क्षेत्र में स्टॉल लगाने की अनुमति दी गई थी. हमने किसी से भी जगह छोड़कर जाने को नहीं कहा था. मगर उन्हें डर था कि उनके साथ कुछ गलत हो सकता है, इसलिए वे खुद ही चले गए.’ दरअसल कुछ हिंदू संगठनों ने मंदिर परिसर में होर्डिंग लगाए थे, जिसमें साफतौर पर मुस्लिमों को स्टॉल ना लगाने की चेतावनी दी गई थी.
दुकानों की नीलामी में भी शामिल ना होने की धमकी
हिजाब विवाद के बाद उडुपी में मुस्लिमों को दुकानों की नीलामी में भी शामिल नहीं करने को कहा गया था. हिजाब विवाद पर हाई कोर्ट के आदेश के बाद कुछ मुसलमान दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद रखी थीं. इसी के विरोध में मारिगुडिस में करीब 100 दुकानों की नीलामी से मुस्लिमों को अलग रखने की मुहिम शुरू हो गई थी.
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