इंदौर, कमलेश्वर सिंह सिसौदिया। आचार संहिता के साथ ही मतदान दलों की ट्रेनिंग का दौर भी शुरू हो गया है। इंदौर-उज्जैन संभाग के 15 जिलों में तकरीबन 19 हजार मतदान केंद्र बनाए जा रहे हैं। इनमें बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं की समीक्षा की जा रही है। प्रारंभिक तौर में पता चला है कि तकरीबन 500 मतदान केंद्रों पर बिजली के कनेक्शन नहीं है। जिलास्तर पर अधीक्षण यंत्रियों को समीक्षा के निर्देश दिए गए।
इंदौर बिजली कंपनी के अंतर्गत मालवा-निमाड़ के 15 जिले आते हैं। विधानसभा चुनाव के लिए 17 नवंबर को मतदान होना है। कर्मचारियों को ट्रेनिंग के साथ ही मतदान केंद्रों पर व्यवस्थाओं का जायजा लिया जा रहा है। यह मतदान केंद्र स्कूल, सामुदायिक भवन, आंगनवाड़ी एवं अन्य सुरक्षित स्थानों पर बनाए जाते हैं।
मालवा-निमाड में तकरीबन 19 हजार मतदान केंद्र बनाए जा रहे हैं। इनमें से 500 ऐसे स्थान बताए जा रहे हैं, जिनमें बिजली कनेक्शन नहीं हैं। बिजली विभाग की प्रारंभिक समीक्षा में यह जानकारी सामने आई है। बिजली कंपनी की ओर से सभी जिलों के अधीक्षण यांत्रियों को निर्देश दिए हैं कि मतदान केंद्रों पर बिजली व्यवस्था को सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए 10 नवंबर तक की समय सीमा भी बिजली कंपनी की ओर से दी गई है, ताकि मतदान से एक सप्ताह पहले बिजली व्यवस्था सुचारू हो सके। बिजली अधिकारियों के अनुसार धार, झाबुआ, बड़वानी, आलीराजपुर और इंदौर जिले के एक दर्जन मतदान केंद्रों पर बिजली के कनेक्शन देना होंगे। इसके लिए बिजली कंपनी को रिटर्निंग ऑफिसर या सहायक रिटर्निंग आवेदन करेंगे। इसके बाद ही कंपनी यहां पर बिजली कनेक्शन देगी।
समीक्षा के निर्देश दिए, व्यवस्था रहेगी चाक-चौबंद
कंपनी क्षेत्र में मतदान केंद्रों पर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अधीक्षण यंत्रियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। कुछ जिलों में मतदान स्थल पर बिजली कनेक्शन नहीं होने की जानकारी आ रही है । जानकारी एकत्र की जा रही है। समीक्षा के निर्देश जारी किए गए हैं। व्यवस्था को चाक-चौबंद किया जा रहा है।
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