पान बिहार। नगर के शासकीय विद्यालयों में पेयजल समस्या तो ठीक है, अब तो छात्रावास में भी बालिकाओं के लिए पानी की व्यवस्था नहीं है। छात्रावास का बोरवेल पिछले सत्र से बंद है। टैंकरों से पानी की व्यवस्था करना पड़ती है, जबकि शासन शिक्षा पर लाखों करोड़ों खर्च नवीन विद्यालय भवन नवीन छात्रावास बनवा रहा है। वहीं पेयजल के लिए लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर जल जीवन मिशन योजना के तहत शासकीय विद्यालयों में बोर खनन कराकर पेयजल टंकियाँ लगवाई लेकिन जवाब दरों की अनदेखी के कारण बच्चों को लाभ नहीं मिल पा रहा।
आपको बता दें कि पान विहार कक्षा 9 से 12 तक के लिए बने कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिसर में स्थित है जिसमें वर्तमान में करीबन 45 बालिकाऐं अध्ययनरत हैं, वहीं अभी बालिकाओं के एडमिशन चालू है जिनके लिए छात्रावास में पेयजल व्यवस्था सुचारू नहीं है। छात्रावास का बोरवेल पिछले वर्ष से बंद है जिसे अभी तक चालू नहीं कराया गया। पिछले वर्ष भी टैंकरों के द्वारा छात्राओं के लिए पानी की व्यवस्था करना पड़ी पेयजल व्यवस्था की। पोल तो तब खुली जब छात्रा के पालक छात्रावास पहुंचे, जहां बालिका ने बताया कि पानी की व्यवस्था नहीं है, तब जाकर पालक ने मैजिक में भरकर बालिकाओं के लिए पानी लाकर दिया। बालिका के पालक श्यामलाल परमार सुतारखेड़ा ने बताया कि मैं सुबह बालिका को कापी देने गया था तो बालिका ने बताया कि पापा पानी नहीं है यहां। पानी के लिए काफी परेशानी आ रही है तो मैं घर से पानी के कूप्पे लेकर छात्रावास पहुंचा तो अन्य बालिकाओं ने भी मुझे कहा अंकल हमारे लिए भी पानी ला दो तो सभी के लिए कूप्पे में भर कर पानी लाकर दिया।
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