पटना। आम बजट को बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने देश को बेचने वाला बजट बताया। तेजस्वी ने केंद्र सरकार पर सीधा हमला बोला। कहा, यह बजट देश निर्माण के लिए नहीं था, बल्कि देश बेचने के लिए था। आप जानते हैं कि कई संस्थानों की संपत्तियों को बेचा गया, जितनी संपत्तियां बची हैं उसे निजी क्षेत्र को देने की तैयारियां चल रही हैं। आम नागरिकों की कमर तोड़ दी गई। चंद लोगों का ख्याल इस बजट में रखा गया है।
तेजस्वी ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों पर निशाना साधा। कहा, प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री ने बिहार के साथ सौतेला व्यवहार किया है। हैरत है कि मुख्यमंत्री चुप हैं। ये कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने का बजट है। बिहार को कुछ नहीं मिला। उन्होंने कहा कि स्पेशल स्टेटस दूर की बात, कोई प्लानिंग बिहार को देखते हुए नहीं की गई है। यहां के सांसद सिर्फ टेबल पीटते रहे। तेजस्वी ने पूछा कि इस बजट में बिहार को क्या मिला, बिहार के साथ सौतेला व्यवहार किया गया है। बिहार के लिए न तो कोई कारखाने की घोषणा की गई, न उद्योग की। एक भी ऐसा सेक्टर नहीं है, जहां बिहार को तरजीह दी गई है।तेजस्वी ने कहा कि बिहार में किसानों की स्थिति सबके सामने है। इस बजट से उनपर और बोझ पड़ेगा। राजग सरकार ने वादा किया था कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कर देगी, लेकिन एक साल पहले ही उन्हें भिखारी बना दिया गया है।
उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार में लालू जी ने हर साल 90 हज़ार करोड़ का मुनाफा दिया था। चार कारखाना दिया। रेल किराया कम किया था। ये सब उन्होंने तब करवाया जब बिहार में एनडीए की सरकार थी। इस बार तो रेल ही गायब है। अब हम पूछ रहे हैं बिहार को क्या मिला। आम आदमी निराश और परेशान हैं। जहां चुनाव हैं वहां का बजट में चीखकर नाम लिया गया। तेजस्वी ने दावा किया कि ये लोग लालू प्रसाद से तुलना नहीं कर सकते हैं। लालू ने बिहार को कई कारखाने दिए। बिना पक्षपात किए हुए उन्होंने बिहार को विशेष पैकेज दिलाया था। लेकिन, इस बार जब सदन में बजट पेश किया जा रहा था तो बिहार की उपेक्षा पर यहां से जीतकर गए 39 सांसद ताली पीट रहे थे। उन्हें जवाब देना चाहिए कि बिहार के साथ सौतेला व्यवहार क्यों किया गया।
यह बजट नहीं, सरकारी संपत्तियों को बेचने की सेल
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा, यह बजट नहीं, सरकारी प्रतिष्ठानों व संपत्तियों को बेचने की सेल थी। रेल, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, लाल किला, बीएसएनएल, एलआईसी बेचने के बाद यह बजट नहीं बल्कि अब बैंक, बंदरगाह, बिजली लाइनें, राष्ट्रीय सड़कें, स्टेडियम, तेल की पाइप लाइन से लेकर वेयरहाउस बेचने का भाजपाई निश्चय है। (एजेंसी, हि.स.)
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