नई दिल्ली। देश के अलग-अलग बैंकों के पास 48 हजार करोड़ से भी ज्यादा रुपये निष्क्रिय पड़े हैं। आठ राज्यों में जमा राशि सबसे ज्यादा है। बैंकों में पड़े इन गैर दावे वाली जमा राशि का आंकड़ा हर साल लगातार बढ़ता ही जा रहा है। आरबीआई ने उन आठ राज्यों पर ध्यान केंद्रित कर एक अभियान शुरू किया है, जिनके पास इस तरह की अधिकतम राशि है।
2018 से आरबीआई कर रहा प्रयास
आरबीआई साल 2018 से बैंकों में पड़ी निष्क्रिय जमा राशि को लेकर कार्य कर रहा है। आरबीआई ने आदेश दिया था कि जिन खातों पर बीते दस सालों से कोई दावेदार सामने नहीं आया है, उनकी लिस्ट तैयार करके सभी बैंक अपनी वेबसाइट पर अपलोड करें। जानकारी में खाताधारकों के नाम और पता शामिल होंगे।
एक साल में 9,000 करोड़ रुपये बढ़ा
केंद्रीय बैंक की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, बैंकों में लावारिस पड़ी जमा रकम वित्तीय वर्ष 2020-21 में 39,264 करोड़ रुपये थी जो 2021-2022 में बढ़कर 48,262 करोड़ पहुंच गई है। इनमें से ज्यादातर रकम तमिलनाडु, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र, बंगाल, कर्नाटक, बिहार और तेलंगाना व आंध्र प्रदेश के बैंकों में पड़ी है। इसलिए आरबीआई ने इन राज्यों में क्षेत्रीय भाषाओं के अलावा हिंदी और अंग्रेजी भाषा में भी अभियान शुरू किया है।
यूनियन बैंक का लाभ 32 फीसदी बढ़ा
मुंबई। यूनियन बैंक का मुनाफा जून तिमाही में 32 फीसदी बढ़कर 1,558 करोड़ रुपये हो गया है। एक साल पहले इसी अवधि में यह 1,180 करोड़ रुपये था। बैंक की कुल आय 19,913 करोड़ से बढ़कर 20,991 करोड़ हो गई। सकल बुरा फंसा कर्ज (एनपीए) 13.60% से घटकर 10.22 फीसदी रह गया।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved