नई दिल्ली: नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने कहा है कि यूपीआई पर रुपे (RuPay) क्रेडिट कार्ड के जरिए 2000 रुपये तक के लेनदेन पर व्यापारियों को कोई चार्ज नहीं देना होगा. बता दें कि हाल ही में आरबीआई ने रुपे क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से जोड़ने की अनुमति दी थी ताकि लोगों को एक बेहतर क्रेडिट कार्ड एक्सपीरियंस मिल सके. अब अधिक व्यापारी रुपे क्रेडिट कार्ड से यूपीआई के जरिए पेमेंट ले सकेंगे जिसका फायदा ग्राहकों को भी पहुंचेगा. इससे उनके पास रुपे क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने के लिए अधिक विकल्प होंगे.
रुपे क्रेडिट कार्ड पिछले 4 सालों से काम कर रहा है. कई बड़े बैंक कमर्शियल व रिटेल सेगमेंट के लिए इसे जारी करते हैं. क्रेडिट कार्ड्स को अब वर्चुअल पेमेंट एडरेस (VVA) से जोड़े जा सकेगा. वीपीए को यूपीआई आईडी भी कह सकते हैं. क्रेडिट कार्ड का नंबर इसका हिस्सा नहीं होता है जिससे यह एक बेहद सुरक्षित पेमेंट विकल्प बन जाता है. इसका फैसले का सबसे अधिक फायदा लघु व्यापारियों को होने वाला है. क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल बढ़ेगा और वे भी इस इकोसिस्टम का हिस्सा बन पाएंगे.
लघु व्यापारियों के लिए होगा फायदेमंद
एनपीसीआई ने कहा है कि रुपे क्रेडिट कार्ड से 2000 रुपये तक के लेनदेन पर शून्य एमडीआर (मर्चेंट डिस्काउंट रेट) लगेगा. एमडीआर वह रकम होती है जो व्यापारी क्रेडिट कार्ड से भुगतान प्राप्त करने की सुविधा के लिए बैंक को देता है. इससे और अधिक छोटे व्यापारी क्रेडिट कार्ड के दायरे में आ सकेंगे. एनपीसीआई ने कहा है कि किसी ऐप पर कार्ड जोड़ने के दौरान यूपीआई पिन सेटिंग प्रोसेस को ग्राहक की रजामंदी के रूप में माना जाएगा कि वह सभी ट्रांजेक्शंस के लिए क्रेडिट कार्ड को इनेबल करना चाह रहा है. अतंरराष्ट्रीय लेनदेन के मामले में सर्विस इनेबल करने के लिए ऐप की मौजूदा कार्ड-ऑन बोर्डिंग प्रक्रिया मान्य होगी. देश में यूपीआई के पास 26 करोड़ यूनिक यूजर्स हैं जिनमें से 5 करोड़ व्यापारी हैं.
ये बैंक दे रहे रुपे क्रेडिट कार्ड्स
फिलहाल यूनियन बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और केनरा बैंक रुपे क्रेडिट कार्ड जारी कर रहे हैं. हालांकि, इस फैसले के बाद अधिक मर्चेंट्स रुपे क्रेडिट कार्ड की सुविधा से जुड़ेंगे जिसे देखते हुए और भी बैंक अब इसे जारी करना शुरू कर सकते हैं. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इसी साल सितंबर में यूपीआई पर रुपे क्रेडिट कार्ड की सुविधा लॉन्च की थी. जानकारों का मानना है कि इससे क्रेडिट मार्केट करीब 5 गुना तक बढ़ सकता है.
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