नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही के लिए लघु बचत योजनाओं के लिए ब्याज दरों (Interest Rates for Small Savings Schemes) की घोषणा कर दी है। मंत्रालय ने लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) और राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) जैसी लघु बचत योजनाओं पर तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के लिए ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया।
वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को कोविड-19 महामारी और महंगाई दर में वृद्धि के बीच यह फैसला किया है। पीपीएफ और एनएससी पर सालाना ब्याज दर क्रमश: 7.1 फीसदी और 6.8 फीसदी बनी रहेगी। इसके तहत आपको पहले की ही तरह इन योजनाओं पर ब्याज मिलता रहेगा।
वित्त मंत्रालय ने जारी एक अधिसूचना में कहा कि विभिन्न लघु बचत योजनाओं पर ब्याज की दरें वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही (एक अक्टूबर, 2021 से 31 दिसंबर 2021) के लिए यथावत रहेंगी। इसका मतलब ये है कि दूसरी तिमाही (एक जून, 2021 से 30 सितंबर, 2021) के दौरान जो ब्याज दरें थी, वे बनी रहेंगी।
मंत्रालय के मुताबिक एक साल की मियादी जमा पर ब्याज दर 5.5 फीसदी बना रहेगा, जबकि बालिकाओं के लिए शुरू की गई बचत योजना सुकन्या समृद्धि योजना खाते पर ब्याज पहले की तरह 7.6 फीसदी मिलेगा। साथ ही 5 साल की वरिष्ठ नागरिक बचत योजना पर ब्याज दर 7.4 फीसदी पर बरकरार रखी गई है, जो तिमाही आधार पर दिया जाता है।
इसके अलावा बचत जमा पर ब्याज 4 फीसदी मिलता रहेगा। वहीं, एक साल से 5 साल के लिए मियादी जमाओं पर ब्याज दरें 5.5 से 6.7 फीसदी होगी, जबकि पांच साल की आवर्ती जमा पर ब्याज 5.8 फीसदी दिया जाएगा। इसका मतलब ये हुआ कि वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में ब्याज दर पिछले वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही की ब्याज दरों के अनुरूप ही रही।
उल्लेखनीय है कि इस साल की शुरुआत में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कम करने का निर्णय वित्त मंत्रालय ने किया था। लेकिन, ठीक अगले ही दिन, एक अप्रैल को वित्त मंत्रालय ने लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में 1.1 फीसदी तक की बड़ी कटौती के निर्णय को रद्द कर दिया था । (एजेंसी, हि.स.)
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