नई दिल्ली (New Delhi)। नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने लगभग आधे मेडिकल कॉलेजों (Medical College) को स्थापित मानकों का अनुपालन न करने के लिए कारण बताओ नोटिस (Notice) जारी किया है. रिपोर्टों से पता चलता है कि भारत में लगभग 50 प्रतिशत मेडिकल कॉलेजों को नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) द्वारा निर्धारित मानकों का पालन करने में असफल होने की वजह से मान्यता खोने का खतरा मंडरा रहा है. कुल 349 मेडिकल कॉलेजों, जिनमें 197 सरकारी सहायता प्राप्त संस्थान और विभिन्न निजी संस्थान शामिल हैं, जिन्हें कारण बताओ नोटिस भेजा गया है.
इसके अलावा, राजस्थान के बाड़मेर में मेडिकल कॉलेज को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, क्योंकि यह कथित तौर पर शैक्षणिक वर्ष 2023-24 में चल रहे MBBS पाठ्यक्रम के लिए न्यूनतम मानक आवश्यकताओं वर्ष 2020 में उल्लिखित आवश्यक फैकल्टी मानकों को पूरा करने में विफल रहा था.
गाइडलाइंस को नहीं फॉलो कर रहे कॉलेज
इसके अलावा, कई कॉलेज फैकल्टी और सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए अनिवार्य उपस्थिति दिशानिर्देशों का पालन करने में विफल रहते हैं. MSR 2023 गाइडलाइंस के खंड 3.2 के अनुसार सभी फैकल्टी और सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए न्यूनतम 75 प्रतिशत उपस्थिति आवश्यक है.
पिछले एक से दो महीनों में भारत में लगभग 40 मेडिकल कॉलेजों ने नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) द्वारा निर्धारित मानकों का पालन करने में विफल रहने के कारण कथित तौर पर अपनी मान्यता खो दी है. मई में उनके बयानों के अनुसार सीसीटीवी कैमरों से संबंधित विभिन्न खामियों के साथ-साथ अपर्याप्त फैकल्टी से संबंधित मानदंडों और कमियों के आधार पर कार्रवाई शुरू की गई थी.
सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि वर्ष 2014 के बाद से मेडिकल कॉलेजों की संख्या में लगभग दोगुनी वृद्धि हुई है, जो 387 से बढ़कर 654 हो गई है. इसी तरह, इस अवधि के दौरान MBBS सीटों की संख्या में 94 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
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