नई दिल्ली (New Delhi)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar Chief Minister Nitish Kumar) का एनडीए (NDA) में शामिल होना इंडिया गठबंधन (india alliance) के लिए बड़ा झटका है, हालांकि, इससे 2024 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू को क्या फायदा होगा इस विषय पर चर्चा हो रही है। चुनावी राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा है कि बीजेपी नीतीश कुमार को वापस लेकर युद्ध जीतने के लिए लड़ाई हारने वाली रणनीति पर आगे बढ़ रही है।
एक इंटरव्यू में प्रशांत किशोर ने कहा कि “नीतीश कुमार का विपक्षी इंडिया गठबंधन का हिस्सा होना कोई बड़ी बात नहीं थी। अपने दम पर वह ऐसा कुछ नहीं कर पा रहे थे जिससे कि पासा पलट जा सके। लेकिन अवधारणा के लिहाज से यह इंडिया गठबंधन के लिए एक झटका है। भाजपा उन्हें एनडीए में वापस लेकर युद्ध जीतने के लिए लड़ाई हारने की रणनीति अपना रही है।”
उन्होंने कहा कि यह बीजेपी के लिए उतना बड़ा लाभ नहीं है, बल्कि विपक्ष के लिए एक मनोवैज्ञानिक झटका है। बीजेपी किसी भी तरह से काफी आगे चल रही है। नीतीश के पाला बदलने के साथ ही बीजेपी ने विपक्ष को एक मनोवैज्ञानिक झटका दिया है।” प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि इंडिया गठबंधन का गठन इससे काफी पहले हो सकता था। चुनाव रणनीतिकार ने कहा, “विपक्षी दल जानते थे कि लोकसभा चुनाव 2024 में ही होंगे। अगर उन्होंने 2022 या 2021 में गठबंधन बनाया होता तो उनके पास चीजों को सुलझाने के लिए दो साल होते।”
आपको बता दें कि नीतीश कुमार द्वारा रिकॉर्ड नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद प्रशांत किशोर ने आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन के लिए क्लीन स्वीप की भविष्यवाणी की है।
प्रशांत किशोर ने महागठबंधन छोड़ने के लिए जद (यू) प्रमुख की भी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अपने जीवन की आखिरी पारी खेल रहे हैं। उन्होंने कहा, “जनता ने उन्हें खारिज कर दिया है। इसलिए वह अपनी कुर्सी बचाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं।”
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