पटना। बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish kumar) फिर से (Again) एक यात्रा पर निकलने वाले हैं (Go on a journey) । उनकी इस यात्रा का मुख्य मकसद विकास कार्यो (Development works) को सरजमीं पर देखने के साथ लोगों से शराबबंदी कानून (Prohibition of liquor act) को लेकर उनकी खासकर महिलाओं (Women) की इच्छा भी जानने का प्रयास करेंगे (Will grope the minds) ।
बिहार के मुख्यमंत्री सत्ता में रहें हो या सत्ता से बाहर रहे हों वे राज्य की यात्रा पर निकलते रहे हैं और अपनी यात्रा का नाम भी देते रहे हैं। नीतीश अब तक न्याय यात्रा, विकास यात्रा, धन्यवाद यात्रा, प्रवास यात्रा, विष्वास यात्रा, सेवा यात्रा, अधिकार यात्रा, संकल्प यात्रा, संपर्क यात्रा सहित अन्य यात्राओं के जरिए राज्य की राजनीति को भांपते रहे हैं। संभवत: पंचायत चुनाव के बाद मुख्यमंत्री राज्य के सभी जिलों का दौरा करेंगे और विकास कार्यों का जायजा लेंगे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए खुद कहा है कि पंचायत चुनाव की समाप्ति के बाद वे राज्य की यात्रा पर निकलेंगे। नीतीश की यात्रा अमूमन चंपारण से प्रारंभ होती है, लेकिन पंचायत चुनाव के बाद नीतीश की होने वाली यात्रा कहां से प्रारंभ होगी इसकी घोषणा अब तक नहीं हुई है। वैसे, गौर से देखा जाए तो नीतीश की यात्रा का कोई न कोई मकसद होता है। इसलिए संभावित अगली यात्रा के मकसद को नकारा नहीं जा सकता है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री इस यात्रा के दौरान शराबबंदी के खिलाफ महिलाओं को जागरूक करेंगे तथा लोगों को शराबबंदी के फायदे भी गिनायेंगे। खास कर महिलाओं को शराबबंदी को पूर्णत: सफल बनाने के लिए आगे आने का आह्वान करेंगे। शराबबंदी को लेकर जागरूक करने के अलावा नीतीश सरकारी योजनाओं की समीक्षा भी करेंगे। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री अधिकारियों के साथ जिलावार सरकार की योजनाओं और शराबबंदी की समीक्षा करेंगे।
जदयू के एक नेता कहते हैं कि मुख्यमंत्री की यात्रा की तारीख अभी तय नहीं हुई है, इस कारण अभी इस पर बहुत कुछ नहीं कहा जा सकता है। वैसे, उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री की यह कोई पहली यात्रा नहीं है। वे अक्सर राज्य के सभी जिलों में पहुंचकर स्वयं विकास कार्यों को देखते हैं और उसकी समीक्षा करते हैं।
कहा जा रहा है कि विपक्षी दल शराबबंदी कानून को लेकर लगातार नीतीश कुमार को घेर रहे हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री भी इस कानून को लेकर लोगों की खासकर महिलाओं की राय जानना चाहते हैं।
माना जाता है कि नीतीश कुमार के शराबबंदी कानून के पीछे सोच यही थी कि इस कानून के आने के बाद महिलाएं खुश होंगी और जदयू का का एक वोटबैंक तैयार हो जाएगा। हालांकि राज्य में शराबबंदी कानून के बाद एक तबका नाराज भी नजर आ रहा है। कहा जा रहा है कि ऐसी स्थिति में नीतीश सरजमीं पर खुद उतरकर वास्तविकता का पता लगाना चाह रहे हैं। सूत्र कहते भी हैं कि हाल में शराब पीने से लोगों की हुई मौत और पुलिस द्वारा शराब के नाम पर जहां-तहां बेकार की छापेमारी से लोग सरकार से नाराज भी हैं।
एक अधिकारी बताते हैं कि मुख्यमंत्री की यात्रा को लेकर मुख्यमंत्री सचिवालय रणनीति बना रहा है। जल्द ही तारीख के साथ पूरे यात्रा की रूपरेखा तैयार की जायेगी और उसे सार्वजनिक किया जाएगा।
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